उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में परीक्षाओं के बीच नेताजी सुभाष चंद्र महिला कॉलेज सील, नगर निगम ने की कार्रवाई,
उत्तर प्रदेश संवादाता खुशरंग हिना
लखनऊ नगर निगम ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के सपनों के डिग्री कॉलेज नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय महिला महाविद्यालय को सील कर दिया.यह कार्रवाई कॉलेज पर बकाया करीब साढ़े सात लाख रुपये के भवन कर का भुगतान ना किए जाने के चलते की गई. इतना ही नहीं, नगर निगम ने प्रिंसिपल ऑफिस के बाहर ही कॉलेज पर कुर्की की कार्रवाई के तहत सील करने का नोटिस भी चस्पा कर दिया. इसके अलावा कॉलेज के बैंक खाते को भी सील कर दिया गया. यह हाल तब है जबकि कॉलेज सरकारी है.
नगर निगम की कार्रवाई ऐसे वक्त हुई जबकि यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं चल रही हैं और इस कॉलेज को परीक्षा केंद्र बनाया गया है. इस कार्रवाई से परीक्षा भी प्रभावित हो रही है. नगर निगम ने कॉलेज की प्रिंसिपल के कमरे, कार्यालय अधीक्षक के कमरे और कार्यालय कक्ष को सील करने की कार्रवाई की. सवाल उच्च शिक्षा विभाग पर भी उठ रहे हैं क्योंकि सरकारी कॉलेज होने के नाते यहां के भवन कर के भुगतान की जिम्मेदारी उच्च शिक्षा विभाग की है.
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी स्थापना
नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय महिला महाविद्यालय का शिलान्यास और लोकार्पण दोनों ही पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था. इस कॉलेज की स्थापना बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने, उन्हें उच्च शिक्षा देने के लिए की गई थी. कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर अनुराधा तिवारी ने बताया कि कॉलेज के ऊपर 7,54,898 का भवन कर बकाया है. इसे लेकर नगर निगम ने पहले नोटिस भी दिया, जिसके बारे में उच्च शिक्षा निदेशालय और शासन को अवगत करा दिया गया क्योंकि यह सरकारी कॉलेज है इसलिए जब कॉलेज को बजट मिलता है तो यह भुगतान किए जाते हैं.
कॉलेज की प्रिंसिपल ने कहा कि बजट ना आने की वजह से भवन कर का भुगतान नहीं हो पाया और नगर निगम ने आज कॉलेज के प्रिंसिपल का कमरा, अधीक्षक के कमरे और एक कार्यालय को सील कर दिया. इस समय विश्वविद्यालय की परीक्षाएं चल रही हैं. परीक्षाओं को नकल विहीन बनाने के लिए जो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं उनका मॉनिटर प्रिंसिपल के कमरे में लगा है. अब इस कमरे को सील किए जाने की वजह से परीक्षाओं की मॉनिटरिंग सीसीटीवी कैमरा से नहीं हो सकती. इसके अलावा परीक्षा से जुड़े तमाम कागजी काम भी होते हैं. वह भी प्रभावित हो रहे हैं.
वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन होने की वजह से भी तमाम ऐसे काम है जो नगर निगम की कार्रवाई के बाद प्रभावित हुए हैं. इन हालात से उच्च शिक्षा निदेशालय और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है.
नगर निगम ने सील किया कॉलेज
कॉलेज के शिक्षकों ने कहा कि नगर निगम की टीम सुबह करीब 9:40 बजे कॉलेज पहुंची. उस समय तक प्रिंसिपल नहीं आई थी. कॉलेज के गेट पर मौजूद स्टाफ ने नगर निगम की टीम से कहा कि यह एक गर्ल्स डिग्री कॉलेज है, प्रिंसिपल भी अभी नहीं आई है ऐसे में वह टीम को अंदर जाने नहीं दिया जा सकता. इस पर नगर निगम अधिकारियों ने यह कहते हुए किनारे कर दिया कि उन्हें यह कार्रवाई करने का अधिकार है और प्रिंसिपल के कॉलेज पहुंचने से पहले ही उनके कमरे समेत तीन कमरों को सील कर दिया गया.
उच्च शिक्षा विभाग पर उठे सवाल
इस पूरी कार्रवाई को लेकर उच्च शिक्षा विभाग पर भी बड़े सवाल उठ रहे हैं. खुद उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय भी कई बार इस कॉलेज में जा चुके हैं. सवाल है कि जब भवन कर बकाया था और विभाग को भी मालूम है कि उसका भुगतान शासन से ही बजट दिए जाने के बाद होना है तो आखिर क्यों नहीं समय से बजट दिया गया? सवाल ये कि कॉलेज की समस्या को लेकर आखिर क्यों उच्च शिक्षा निदेशालय और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी इतने लापरवाह बने रहे?
इस पूरे मामले पर बात करने के लिए एबीपी गंगा ने कई बार उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय को फोन किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. पूरा मामला उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय की जानकारी में आने के बावजूद भी आज इस कॉलेज की सील नहीं खुल पाई.