अप्रूवल के फेर मे अटकी पड़ी थर्ड ग्रेड शिक्षकों की तबादला सूची

अप्रूवल के फेर मे अटकी पड़ी थर्ड ग्रेड शिक्षकों की तबादला सूची


मरुधर हिंद / नरेन्द्र शास्त्री

जयपुर __ प्रदेश मे सरकार का आखिरी साल है | कुछ दिनों बाद आचार संहिता लगकर चुनाव भी होने है लेकिन सरकार के प्रदेश मे 4 साल बीतने के बाद भी थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादलो की फ़ाइल अभी तक कार्मिक विभाग मे अप्रूवल होने को ही नही आ रही | प्रदेश मे तृतीय श्रेणी शिक्षकों का एक बहुत बड़ा तबका है अगर सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलो पर से बैन नही हटाती है तो वह एक बहुत बड़े तबके को नाराज कर सकती है | सूत्रों की माने तो कैबिनेट मीटिंग मे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गोविंद सिंह डोटासरा समेत काफी मंत्रियों ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलो से शीघ्र बैन हटा कर उनके तबादले करने की अनुसंशा की है | ऐसे मे सरकार हर तरीके से सत्ता मे वापसी जरूर करना चाहेगी |

शिक्षकों के तबादले में क्या आ रही है परेशानी ?

शिक्षा विभाग में ट्रांसफर बड़ी ही टेढ़ी खीर मानी जाती है। शिक्षकों के ट्रांसफर के दौरान यह मुद्दा हर सरकार के लिए परेशानी खड़ा करने वाला होता है। अब तक कोई भी सरकार इस विवाद को समाप्त करने के लिए कोई कारगर पॉलिसी नहीं बना पाई है। जब भी ट्रांसफर होते हैं। तब शिक्षकों के मनमाफिक ट्रांसफर नहीं होने से उनकी नाराजगी और अंसतोष सरकार को झेलनी पड़ती हैं। इसके चलते सरकारे थर्ड ग्रेड शिक्षकों के ट्रांसफर से बचती रहती है। इसी कारण कांग्रेस सरकार चुनावी साल में कोई नुकसान नहीं हो। इसके लिए काफी सोच समझकर ट्रांसफर के लिए निर्णय लेने में लगी हुई है।

पिछले साल से 85 हजार शिक्षकों को ट्रांसफर का इंतजार
करीब पांच साल से थर्ड ग्रेड शिक्षकों की ट्रांसफर को लेकर सरकार अभी तक गंभीर नहीं है। पिछले साल करीब 85 हजार शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन किया था। लेकिन उन्हें ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इनमें कई शिक्षक हैं। जो अपने गृह जिले से काफी दूर है। जिसके कारण ये शिक्षक काफी परेशान है। इसके डार्क जोन में काम करने वाले शिक्षकों के 15 से 20 साल के बाद भी उनके तबादले नहीं हो पाए हैं। बता दे कि राजस्थान में झालावाड़, जालोर, जैसलमेर, बाड़मेर जैसे जिले डार्क जोन में आते हैं।

इनका कहना है

सरकार यदि तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले यथाशीघ्र नही करती है तो वह एक बहुत बड़े वर्ग को नाराज करती है ओर शिक्षक इसके लिए आंदोलन करेंगे |

मोहरसिंह सलावाद
रेस्टा प्रदेशाध्यक्ष

सरकार को नॉन टीएसपी के जो शिक्षक टीएसपी मे है उनका गृह जिला समायोजन करके या नॉन टीएसपी के जिले मे समायोजन करना चाहिए | यहां टीएसपी मे नॉन टीएसपी के करीब ढाई हजार से ज्यादा शिक्षक नियमावली की भेंट चढ़े हुए है |
नरेन्द्र शास्त्री