पत्रकारों का नहीं कोई इज्जत क्युकी पत्रकार नहीं होते राज्यपत्रित
*गोरखपुर मंडल ब्यूरो संजय विश्वकर्मा की रिपोर्ट* गोरखपुर उत्तर प्रदेश सरकार का कहना हैं की पत्रकार को वरीयता दी जाए और पत्रकार को धमकी देने वाले के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए और उन पर जुर्माना भी लगाया जाए लेकिन गोरखपुर सदर हॉस्पिटल के डॉक्टरों का कहना हैं की पत्रकार का मतलब कुछ नहीं क्युकी पत्रकार नहीं होते राजपत्रित। मामला आज दिनांक 15अक्टुबर गोरखपुर सदर हॉस्पिटल का हैं। वरिष्ठ पत्रकार अश्वनी अग्रहरी गए थें अपनी पत्नी को लेकर हॉस्पिटल में इलाज के लिए वहां पर डॉक्टर राजेश कुमार एम डी मेडिसिन (फिजिशियन) ने पत्रकार को कहा की पत्रकार डॉक्टरों का विरोध करते हैं। डाक्टर बाहर का दवा लेने के लिए लिखते हैं। डाक्टर ने पत्रकार से कहा कि सबसे बाद में पत्रकारों को देखता हूं जो आपको मर्जी हो वह कर लीजिएगा और कमरा नंबर तीन के डॉक्टर का कहना है की पत्रकार का मतलब कुछ नहीं क्योंकि पत्रकार राजपत्रित नहीं होते इसलिए मैं नहीं देखूंगा। भारतीय किसान यूनियन के मण्डल महासचिव आशीष कुमार अग्रहरी ने उत्तर प्रदेश शासन से मांग किया है। कि ऐसे भ्रष्ट डॉक्टर के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए अन्यथा इनके विरुद्ध सड़क पर उतर सकती है। भारतीय किसान यूनियन पत्रकार के सम्मान के लिए किसान यूनियन हमेशा आवाज उठाती रहेगी। चाहे कितना हूं जुल्म सहना पड़े। वही पत्रकारों ने डॉक्टर के विरुद्ध जांच कराकर कार्रवाई करने की मांग किया है पत्रकार कृष्ण कुमार गुप्ता,चंद्रप्रकाश अग्रहरि,सत्यानंद अग्रहरी,संजय जायसवाल, पवन कुमार जायसवाल, सहित भारी संख्या में संगठन और पत्रकार में भारी आक्रोश। अश्वनी अग्रहरी- 9161258877
उत्तर प्रदेश सरकार का कहना हैं पत्रकार को वरीयता दी जाए लेकिन गोरखपुर सदर हॉस्पिटल के डॉक्टरों का कहना पत्रकारों का नहीं होता कोई वजूद क्युकी पत्रकार नहीं होते राज्यपत्रित
