*हरि नाम से ही परम गति संभव- कवि चंद्र दास जी महराज*
मरुधर विशेष शिवकुमार मौर्य
प्रतापगढ़। मंगरौरा ब्लॉक में ग्राम गंगेहटी , थाना कन्ह हनुमानगंज में गंगा प्रसाद सिंह वरिष्ठ अधिवक्ता के यहां हो रही श्रीमद् भागवत कथा में चतुर्थ दिवस की कथा में वृंदावन से पधारे कथा व्यास श्री कवि चंद्र दास जी ने 28 नरको के बारे में बताया ,जो लोग गर्भपात कराते हैं वह कुंभी नर्क में गिरते हैं जिनको उबलते हुए तेल में डाला जाता है। दैनिक रूप से जाने अनजाने होने वाले पापों का शमन तुलसी की चार परिक्रमा करने से हो जाता है, और यदि पाप की प्रवृत्ति ही नष्ट करनी हो तो भागवत साधना करनी चाहिए। जितने पाप हम जीवन भर में कर नहीं सकते उससे भी अधिक पापों को नष्ट करने की शक्ति भगवान के एक नाम में होती है, इस कलयुग में नाम के रूप में भगवान का अवतार हुआ है इसके प्रचार प्रसार हेतु स्वयं राधा कृष्ण श्री चौतन्य महाप्रभु के रूप में अवतरित हुए , सतयुग में ध्यान से ,त्रेता युग में यज्ञ से, द्वापर युग में मंदिर में अर्चना से ,भगवत प्राप्ति होती है पर कलयुग में केवल और केवल हरि नाम से ही परम गति संभव है कलयुग केवल नाम अधारा ,सुमिर सुमिर नर उतरीं पारा कथा में पूजा पाठ करने हेतु चार सुयोग्य ब्राह्मण वृंदावन से आए हैं संदीप मिश्रा जी,दिलीप मिश्रा, शिवम तिवारी जी, अर्जुन दिक्षित जी, मुख्य रूप से सच आश्रम के महंत श्री मनोज ब्रह्मचारी जी महाराज, विकास पांडे जी , समस्त ग्रामीण एवं मित्रगण उपस्थित रहे ।
*हरि नाम से ही परम गति संभव- कवि चंद्र दास जी महराज*
