रिपोर्टर – ओम प्रकाश वर्मा
16 वर्षीय नाबालिग लड़की का अपहरण और उसके साथ जबरन दुष्कर्म करने के मामले में एक मुल्जिम को दस वर्ष का कठोर कारावास की सजा / 70 हजार रुपये के अर्थदंड से किया दंडित।
धौलपुर जिले के विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट ने मनियां थाना इलाके में वर्ष 2019 में दर्ज हुए 16 वर्षीय नाबालिग का अपहरण और उसके साथ जबरन दुष्कर्म करने के मामले में एक मुल्जिम को दोषी करार देते हुए उसे दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई हैं.पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश जमीर हुसैन ने सजा सुनाते हुए मुल्जिम राहुल को पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4,आईपीसी की धारा 363 और 366 में दोषी करार दिया जाकर दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई हैं.साथ ही 70 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया हैं.
विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट के लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि मामला धौलपुर जिले के मनियां थाना इलाके का हैं.जहां एक परिवादी ने पुलिस थाना मनियां पर मामला दर्ज कराया कि 25 फरवरी 2019 को उसकी 16 वर्षीय नाबालिग भतीजी घर पर थी और उसके पिता मनियां कस्बे में काम करने गए थे.लेकिन जब घर देखा तो उसकी नाबालिग भतीजी नहीं मिली। नाबालिग को कई जगह तलाश करने के बाद जब वह नहीं मिली तो पुलिस थाना मनियां पर 01 मार्च 2019 को मामला दर्ज कराया। पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसन्धान के दौरान नाबालिग को दस्तयाब कर रैप सम्बन्धी मेडीकल करा कर बयान दर्ज किये गए। नाबालिग के बयानों पर मुल्जिम राहुल द्वारा उसका अपहरण कर जबरन दुष्कर्म की बात सामने आने पर पुलिस ने मुल्जिम राहुल को गिरफ्तार कर पॉक्सो न्यायालय में पेश कर चालान पेश किया,जो राजस्थान उच्च न्यायालय से जमानत पर चल रहा हैं.लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि अभियोजन की 14 गवाह पेश किये गए.लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि प्रकरण में न्यायाधीश जमीर हुसेन ने बहस और दलील सुनने के बाद आज मंगलवार को मुल्जिम राहुल पुत्र छोटेलाल निवासी पिनाहट उत्तर प्रदेश को आईपीसी की धारा 363,366,376 और 3/4 पॉक्सो एक्ट में दोषी करार देते हुए पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 में दस वर्ष का कठोर कारावास और पचास हजार रूपये का जुर्माना और आईपीसी की धारा 363 व 366 में पांच वर्ष का कठोर कारावास और 10-10 हजार रूपये जुर्माना से दण्डित किया हैं.दोनों सजाएं एक साथ चलेगी।
16 वर्षीय नाबालिग लड़की का अपहरण और उसके साथ जबरन दुष्कर्म करने के मामले में एक मुल्जिम को दस वर्ष का कठोर कारावास की सजा / 70 हजार रुपये के अर्थदंड से किया दंडित।
