सदी के श्रेष्ठ तपस्वीं आचार्य ने की, ज्येष्ठ आचार्य की चरणवंदना

*सदी के श्रेष्ठ तपस्वीं आचार्य ने की, ज्येष्ठ आचार्य की चरणवंदना*

*वागड के भक्तों में छाई खुशीया*

*महामिलन को देख भक्तों ने घर घर जलाए दीप*

*इस महाचरण वंदना के साक्षी बने वागड के श्रद्धालु*

अरुण जोशी ब्यूरो चीफ बांसवाड़ा

परतापुर—: इस सदी के श्रेष्ठ तपस्वीे अंतर्मना आचार्य प्रसन्नसागरजी महाराज ने ज्येाष्ठ आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के चरण पखारे जिसे देखकर वागड सहित देश भर के श्रद्धालुओं ने मनाई खुशीया । अनर्माना गु भक्त संजय एन दोसी परतापुर ने बताया कि पावन तीर्थ चंद्रगिरी डोंगरगढ की धरा में विराजमान पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर महाराज की चरण वंदना हेतु इस सदी के उत्कृष्ट तप साधक अंतर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर महाराज ससंघ वहां पहुंचे तथा आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के चरणों का पक्षालन कर रहे थे उस दौरान गुरू चरणो में स्वर्ग है, गुरू चरणो में मोक्ष, गुरू के सम्यक ज्ञान से कुछ भी नही परोक्ष, गुरूवर नमो नमो भक्ति करते हुए भक्त अपने नयनो से इस ऐतिहासिक क्षण को देख जय जयकारा लगा रहे थे और त्याग तपस्या की जीवंत मूर्तियों का एक साथ समागम होता देख एक नया इतिहास लिख दिया गया और समाज और राष्ट्र को नई एक प्रेरणा दी। संजय दोसी व दिलीप दोसी ने बताया कि यह क्षण इतना दुर्लभ था कि जिन्होंने भी इन दृश्यों को देखा और जो श्रद्धालू वहां मौजूद रहे वह अपने आपको भाव विभोर होने से नहीं रोक पाए इन पावन क्षणों में आचार्य श्री प्रसन्नसागर महाराज ने विनय संपन्नता की भावना का एक उदाहरण दिया पूज्य महाराज श्री ने आचार्य श्री विद्यासागरजी के चरणों का विनय भाव के साथ पाद प्रक्षालन किया। जब गुरु चरणों में उन्होंने नमोस्तु निवेदित किया तो वह भी एक अलौकिक प्रस्तुत कर रहा था। तथा चरण पक्षालन के उपरांत आचार्य प्रसन्न सागरजी महाराज ने आजीवन शक्कर एवं चटाई का त्याग करने का नियम लिया। राहुल दोसी ने बताया कि संयम तप की यह साधना करती है धर्म की अलौकिक प्रभावना व हर जगत ने माना जैन संत की होती अदभुत साधना एवं इसकी अनुमोदना की गई। घर घर जले दीप – दोसी ने बताया कि इन पावन क्षणो का प्रत्यक्ष साक्षी बनने का सोभाग्य परतापुर, बांसवाडा,घाटोल व बागीदौरा, नौगामा, के श्रद्धालुओं को मिला । तथा इस ऐतिहासिक चरण वंदना के क्षण को देख परतापुर सहित कई गांवों के श्रद्धालुओं ने अपने घरों पर दीप जला श्रद्धाभिव्यक्ति की। आचार्य श्री की विशेष कृपा वागड पर – आचार्य श्री प्रसन्न सागरजी महाराज की परतापुर सहित वागड में विशेष कृपा व आशिर्वाद रहा है संघ में परतापुर के ही 6 जने दीक्षित हुए साथ चल रहे है उसमें दो मुनि महाराज,दो आर्यिका मां व हाल ही में परतापुर निवासी विनोद दोसी जिन्होंने क्षुल्लक दीक्षा के साथ अर्क सागरजी महाराज व जाग्रती दोसी को क्षुल्लिका धर्म प्रभा माताजी नामकरण के साथ मोक्ष मार्ग की यात्रा प्रारंभ कराई । इसी तरह आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज द्वारा बागीदौरा व खांदु कॉलोनी से क्षुल्लक व ऐलक दीक्षा व कई बालक बालिकाओं को आजीवन ब्रह्मचर्य वृत का पालन का आशिर्वाद देते हुए संयममय जीवन जिने के मार्ग बताया। ये जानकारी दीपक जैन ने दी।