अब मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे चलेंगे एसडीएम साहेब के आदेश पर एसडीएम कंजावला का तुगलकी फरमान

*अब मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे चलेंगे एसडीएम साहेब के आदेश पर एसडीएम कंजावला का तुगलकी फरमान*

नई दिल्ली संवाददाता हरिंदर कौशल आज सेक्टर 21 रोहिणी में उस समय सिख श्रद्धालुओं में खलबली मच गई जब एसडीएम कंझावला शहजाद आलम आईएएस ने तुगलकी फरमान जारी कर दिया एसडीएम साहब ने आदेश दिया कि गुरुद्वारा केवल शाम को ही खुलेगा जिसका समय 7:15 से 8:15 तक रहेगा उसमें भी माइक का इस्तेमाल नहीं होगा और एक समय में गुरुद्वारे में केवल 10 लोग ही आएंगे एसडीएम साहब का आगे कहना है कि रविवार के दिन गुरुद्वारा सुबह 6:45 से लेकर 7:15 तक खोला जा सकेगा यदि श्रद्धालु महिलाएं चाहें तो वह रविवार को 3:15 से लेकर 5:45 तक भजन कीर्तन कर सकती है जब गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष गुरदीप सिंह वालिया ने एसडीएम साहब से कहा यह कैसा फरमान है क्या कभी गुरद्वारा मंदिर मस्जिद क्या पूरे विश्व या भारतवर्ष में कभी ऐसा हुआ है की मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा अथवा चर्च या अन्य इस प्रकार के कोई धार्मिक संस्थान केवल शाम को ही खुले हो या कभी इससे पहले किसी न्यायिक संस्था ने इस प्रकार का कोई आदेश दीया हो जिसमें कहा गया हो के धार्मिक संस्थान केवल शाम को ही खुलेंगे इस पाबंदी के साथ कि केवल 10 लोग ही आएंगे पूरे दिन में अगर हम कोविड-19 को छोड़ दें तो शायद इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ एसडीएम के फरमान को लेकर सिख श्रद्धालुओं व लोगों में भारी रोष है जैसे ही लोगों को मालूम चला एसडीएम साहब के फरमान के बारे में तो सैकड़ों की संख्या में लोग गुरुद्वारे के बाहर जमा हो गए मौके पर विधायक जय भगवान उपकार बवाना मुकेश अहलावत विधायक सुल्तानपुरी मनजीत सिंह सिरसा गुरुद्वारे के बाहर पहुंच गए स्थानीय जनता का कहना है की गुरुद्वारे ने तो किसी प्रकार का कोई गैर कानूनी कब्जा नहीं किया जबकि गुरुद्वारा के सामने पूर्ण रूप से सड़क की जमीन पर कब्जा करके मंदिर बना हुआ है जिसका फैसला गुरुद्वारे से 10 मीटर भी नहीं है एसडीएम साहब को फरमान सुनाने से पहले सोचना चाहिए था कि वह दो समुदाय की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं कारण वंश इलाके में कभी भी मोहल खराब हो सकता है एसडीएम साहब ने अपने आदेश में कहा गुरुद्वारा रिहाशी इलाके में बना हुआ है तो क्या अब गुरुद्वारा मंदिर मस्जिद चर्च या कोई अन्य धार्मिक संस्थान क्या केवल अब जंगल में ही बनेंगे तुगलकी फरमान जारी करने से पहले एसडीएम महोदय ने यह नहीं सोचा किस 70 से 80 साल के बुजुर्ग पूजा अर्चना करने कैसे जाएंगे इस फरमान को लेकर इलाके के लोगों में भारी रोष है उनका कहना है कि दिल्ली सरकार को इसका जल्दी से जल्दी संज्ञान लेना चाहिए और जो आदेश एसडीएम साहब ने पारित किया है इसको तुरंत कैंसिल करना चाहिए एक व्यक्ति की शिकायत पर सैकड़ों व्यक्तियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता यदि एसडीएम साहब ने अपनी जिद नहीं छोड़ी तो वहां उपस्थित सिख श्रद्धालुओं का कहना था इसके परिणाम दूरगामी होंगे कोई अप्रिय घटना घटती है तो उसके लिए एसडीएम साहब जिम्मेदार होंगे