राजस्थान सरकार के फैसले के विरोध में उतरे पूरे राजस्थान के डॉक्टर जगह-जगह हो रहा है विरोध प्रदर्शन जयपुर में RTH के विरोध में JCB लेकर सड़क पर उतरे डॉक्टर, यहां रेजीडेंट डॉक्टर्स को बर्खास्तगी की चेतावनी
जयपुर संवाददाता सुनील दत्त शर्मा
RTH के विरोध में जयपुर में JCB लेकर सड़क पर उतरे डॉक्टर – फोटो : अमर उजाला डिजिटल विस्तार प्रदेश में राइट टू हेल्थ के विरोध में प्राइवेट डॉक्टर्स के साथ ही सरकारी मेडिकल कॉलेजों के रेजीडेंट डॉक्टर्स भी कार्य बहिष्कार और हड़ताल कर आंदोलन में शामिल हैं। राजधानी जयपुर में गुरूवार को डॉक्टर्स ने जेसीबी मशीन को सड़क पर खड़ा कर राइट टू हेल्थ बिल का विरोध किया। प्राइवेट हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेजों के अलावा सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में पोस्टेड रेजीडेंट डॉक्टर्स भी इस आंदोलन में शामिल हैं। डॉक्टर्स की हड़ताल और कार्य बहिष्कार के कारण अब मरीजों की जान पर बन चुकी है। रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल ने परेशानी को और बढ़ा दिया है। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, अजमेर में रेजीडेंट डॉक्टर्स ने सड़कों पर किया प्रदर्शन जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, अजमेर के सम्भागीय मुख्यालयों पर प्राइवेट डॉक्टर्स के साथ सरकारी रेजीडेंट डॉक्टर्स ने भी सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया। कार्य बहिष्कार करने और मरीजों को नहीं देखने के कारण इन जिलों के अस्पतालों में 300 से ज्यादा मरीजों के ऑपरेशन टालने पड़े हैं। राजधानी जयपुर में प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स ने सड़कें जाम करने की कोशिश की और इस दौरान कई राहगीरों और वाहनचालकों से धक्का-मुक्की, बदसलूकी की घटनाएं भी हुईं। जयपुर में जेसीबी लेकर जेएलएन मार्ग पर लगाया जाम जयपुर में गुरूवार दोपहर 12 बजे रेजीडेंट डॉक्टर्स बैनर लेकर एसएमएस हॉस्पिटल पहुंचे। वहां से रैली निकालकर जेएलएन मार्ग को जाम कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंची। लेकिन कुछ ही देर में डॉक्टर्स सड़क पर जेसीबी लेकर पहुंच गए और नारेबाजी की
मरीजों के दर्द की ग्राउंड रियलिटी
जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में ओपीडी के बाहर मरीजों की एक लंबी कतार है. घंटों से वे अपने इलाज का इंतजार कर रहे हैं. ऐसी ही एक मरीज हैं ममता शर्मा जो अलवर की रहने वाली हैं. सांस की बीमारी है, कफ की भी समस्या है. अपने पति के साथ जयपुर आई हैं, इस उम्मीद में कि सही इलाज मिलेगा. लेकिन अस्पताल में आलम ये है कि दो दिन हो चुके हैं और ममता को अभी तक इलाज नहीं मिला है. मरीज के साथ आए प्रदीप शर्मा बताते हैं कि हम अलवर से आए हैं. कल भी अस्पताल आए थे लेकिन डॉक्टर को नहीं दिखा पाए. स्ट्राइक चल रही है, उस वजह से कुछ भी क्लियर नहीं चल रहा है. नहीं पता कि लाइन में लगकर इलाज मिलेगा या नहीं. कोई फायदा नजर नहीं आ रहा है.
राइट टू हेल्थ’ बिल का विरोध क्यों कर रहे हैं प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर,
राजस्थान सरकार प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य का कानूनी अधिकार देने के लिए राइट टू हेल्थ बिल लागू करने जा रही है। बिल का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। पिछले विधानसभा सत्र में इसे पेश भी किया था लेकिन प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर इस बिल का विरोध कर रहे हैं। राइट टू हेल्थ के बिल को निजी अस्पतालों के डॉक्टर राइट टू किल बता रहे हैं। पहली बार बनाए जा रहे स्वास्थ्य का अधिकार कानून से प्राइवेट अस्पताल इलाज के लिए बाध्य हो जाएंगे। बिना किसी पेमेंट के इलाज के लिए बाध्य किए जाने पर निजी अस्पतालों के डॉक्टर इस बिल के विरोध में उतर आए हैं। डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल ने बुधवार 18 जनवरी को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ वार्ता की और इस बिल में बदलाव करने के सुझाव दिए। अब डॉक्टरों की ओर से बताए गए सुझावों को प्रवर समिति को भेजे जाएंगे। प्रवर समिति इन सुझावों पर मंथन करेगी और उसके बाद इसे कानूनी रूप दिया जाएगा।