राजस्थान में राइट टू हेल्थ का विरोध: जयपुर में IMA ने निकाली रैली, 50 हजार डॉक्टर-मेडिकल स्टाफ ने किया पैदल मार्च

राजस्थान में राइट टू हेल्थ का विरोध: जयपुर में IMA ने निकाली रैली, 50 हजार डॉक्टर-मेडिकल स्टाफ ने किया पैदल मार्च

जयपुर संवाददाता सुनील दत्त शर्मा

राजस्थान में डॉक्टर, अस्पताल छोड़कर सड़क पर उतरे हुए हैं। डॉक्टरों की ये भीड़ राज्य की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है। यह विरोध सरकार द्वारा पारित किए गए ‘राइट टू हेल्थ’ बिल को लेकर किया जा रहासरकार की दलील है कि इस बिल से जनता को स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त करने का कानूनी अधिकार मिलेगा। वहीं, विरोध कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि सरकार वाहवाही लूटने के लिए जबरन अपनी योजनाएँ अस्पतालों पर थोप रही है।

दरअसल, राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने सितंबर 2022 में यह विधेयक विधानसभा में पेश किया था। इसके बाद से ही बिल के विरोध में सुर उठने लगे थे। विधानसभा में भी भाजपा विधायकों ने बिल का विरोध किया था। विवाद बढ़ता देख राज्य की कांग्रेस सरकार ने इस बिल को सलेक्शन कमेटी के पास भेज दिया था। इसके बाद अब मौजूदा बजट सत्र में इस बिल को एक बार फिर से पेश किया गया। हालाँकि तमाम विरोध और हंगामें के बीच मंगलवार (21 मार्च) को यह बिल विधानसभा में पास हो गया।

बता दें कि, डॉक्टर्स इस बिल के पेश होने के पहले से ही इसका विरोध कर रहे थे और अब बिल पारित होने के बाद डॉक्टर्स सड़क पर उतर आए हैं। शुरुआत में इस बिल का विरोध केवल प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर ही कर रहे थे। मगर बाद में सरकारी चिकत्सक भी इसमें शामिल हो गए। इतना ही नहीं, डॉक्टर्स अपने घरों पर भी मरीजों को परामर्श नहीं दे रहे हैं। एक महिला चिकित्सक अनिता चौधरी ने तो अनोखे तरीके से विरोध दर्ज कराते हुए गोलगप्पे का ठेला लगा लिया है। उनका कहना है कि घर की गाड़ी चलाने के लिए उन्हें कोई काम तो करना पड़ेगा।

किसी भी कीमत पर वापस नहीं होगा बिल- स्वास्थ्य मंत्री

राजस्थान में राइट टू हेल्थ को लेकर निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की लगातार हड़ताल चल रही है जहां डॉक्टर सरकार से कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं वहीं इस बीच राजस्थान और देशभर में हो रहे डॉक्टरों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच, गहलोत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि सरकार किसी भी कीमत पर बिल वापस नहीं लेगी.मीणा ने कहा कि अगर बिल में कोई समस्या है, तो हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन बिल वापस नहीं लिया जाएगा और सरकार किसी भी हाल में वापस नहीं लेने जा रही है. दरअसल राइट टू हेल्थबिल को लेकर डॉक्टरों ने सोमवार को एक बड़ी रैली निकाली जिसमें कई संगठनों के समर्थन के साथ रेजिडेंट डॉक्टर्स भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. वहीं मंत्री का कहना है कि प्रदर्शनकारी डॉक्टर ‘अनुचित मांग’ उठा रहे हैं.

इधर जयपुर में सोमवार को राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में डॉक्टर्स का एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन देखा गया जहां डॉक्टरों ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज के बाहर से पैदल मार्च निकाला. वहीं बीते रविवार को मुख्य सचिव उषा शर्मा और आला अधिकारियों के साथ डॉक्टरों ने वार्ता की जिसका कोई हल नहीं निकला. वहीं इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी लगातार डॉक्टरों से हड़ताल खत्म करने की अपील कर रहे हैं.