राजस्थान में 29 मार्च को बिगड़ सकते हैं हालात: अब प्राइवेट के बाद सरकारी डॉक्टर्स भी जा सकते है हड़ताल पर*

*राजस्थान में 29 मार्च को बिगड़ सकते हैं हालात: अब प्राइवेट के बाद सरकारी डॉक्टर्स भी जा सकते है हड़ताल पर*

नई दिल्ली संवाददाता सुनील दत्त शर्मा
राजस्थान में 21 मार्च को विधानसभा में पास हुए राइट टू हेल्थ बिल का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। बिल के विरोध में राजस्थान में पिछले करीब 7 दिनों से डॉक्टर हर जिले में पड़ाव पर बैठे हुए हैं।
वही पिछले करीब 6 दिनों से राजस्थान के समस्त प्राइवेट हॉस्पिटल भी बंद पड़े हैं। जिसके चलते अब सरकारी हॉस्पिटल में मरीजों की भारी भीड़ लगना शुरू हो चुकी है। लेकिन इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। जिससे कि राजस्थान की पूरी चिकित्सा व्यवस्था गड़बड़ा सकती है।

*सरकारी डॉक्टर भी दे सकते है सपोर्ट*

दरअसल अब राजस्थान के प्राइवेट डॉक्टर्स को अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के बैनर तले प्रदेश के करीब 14 हजार सरकारी डॉक्टर भी समर्थन दे सकते है। संघ के डॉक्टर अजय चौधरी का कहना है कि 29 मार्च को सुबह 9 बजे से सरकारी डॉक्टर से छुट्टी पर चले जाएंगे। बताया जा रहा है कि राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के इस बयान के बाद ही सीएम अशोक गहलोत ने देर रात चिकित्सा विभाग से जुड़े अधिकारियों की आपातकालीन बैठक बुलाई।

*धरने पर बैठे डॉक्टर्स के खिलाफ सरकार उठाने जा रही है बड़ा कदम: पुलिस ने तैयार कर ली है डॉक्टर्स की लिस्ट*
राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ डॉक्टर्स का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। बिल पास होने के बाद करीब 5 दिन का समय बीत चुका है। लेकिन इसके बाद भी राजधानी जयपुर और प्रदेश के सभी जिलों में डॉक्टर लगातार विरोध में जुटे हुए हैं।राइट के टू हेल्थ बिल के विरोध में राजस्थान के कई जिलों में तो डॉक्टर ने सरकारी दफ्तरों के बाहर आमरण अनशन भी शुरू कर दिए हैं। कई डॉक्टरों की तबीयत बिगड़ना भी शुरू हो चुकी है।ऐसा ही एक मामला राजस्थान के सीकर जिले से सामने आया है। यहां आज डॉक्टरों ने सुबह बिल के विरोध में आक्रोश रैली निकाली जो कलेक्ट्रेट परिसर से शुरू होकर शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए वापस कलेक्ट्रेट परिसर पहुंची।यहां इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यूनिट के पदाधिकारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बेहोशी की हालत में एक डॉक्टर सड़क पर गिर गया कुल मिला जिसे साथी डॉक्टर उठाकर लेकर आए।डॉक्टर का कहना है कि चाहे कुछ भी हो सरकार जब तक बिल वापस नहीं लेती है तब तक उनका विरोध लगातार जारी रहेगा। प्रदेश के अलग शहरों में विरोध किया जा रहा है।
वही बात करें राजस्थान में डॉक्टर्स की हड़ताल की तो लगभग 4000 हॉस्पिटल पिछले 1 सप्ताह से बंद पड़े हुए हैं। वहीं राजधानी जयपुर में प्रदेश के करीब 8 हजार से ज्यादा डॉक्टर पड़ाव डाले हुए हैं।अब राजस्थान पुलिस ने इन डॉक्टर्स की सूची तैयार कर ली है। माना जा रहा है कि आज डॉक्टर्स को खिलाफ धरना स्थल से उठा लिया जाएगा। आज रात को हो सकता है बड़ा एक्शन।


सरकारी डॉक्टर भी हड़ताल से बिगड़ सकते है हालात

वहीं अब यदि सरकार 29 मार्च से पहले इस बिल को लेकर कोई रास्ता नहीं निकाल पाती है तो राजस्थान में 29 मार्च को पूरी तरह से चिकित्सा व्यवस्था गड़बड़ आने वाली है क्योंकि आंदोलन में उतरे प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालकों के बाद अब करीब 14 हजार सरकारी डॉक्टर भी हड़ताल करेंगे। आपको बता दें कि हड़ताल शुरू होने के बाद सरकारी हॉस्पिटलों में लगातार ओपीडी में इजाफा होता जा रहा है लेकिन यदि 29 मार्च को सरकारी डॉक्टर भी हड़ताल पर चले जाते हैं तो राजस्थान में कई मौतें बेमौत ही होगी।

ऐसे में अब देखना होगा कि सरकार क्या कदम लेती है। वही सरकार की बात करें तो सरकार अब आंदोलनः कर रहे प्राइवेट हॉस्पिटलों के खिलाफ एक्शन लेने के मूड में है। जिन्हें जिले के प्राइवेट हॉस्पिटल की लिस्ट मंगवा ली है।यह पहला मामला नहीं है जब धरने पर बैठे किन्हीं लोगो को सरकार जबरन उठाएगी। इससे पहले वीरांगना के मामले में भी राजस्थान में ही ऐसा हुआ जहां रात 3 बजे पुलिसकर्मियों ने वीरांगनाओं और धरने पर बैठे किरोड़ी लाल मीणा को धरना स्थल से हटा दिया।इसके बाद वह मामला ठंडे बस्ते में ही चला गया। हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि भले ही सरकार उन्हें हटाने की कोशिश क्यों नट करें लेकिन वह तब तक पीछे नहीं हटते वाले हैं जब तक कि सरकार उनकी मांग नहीं मान लेती है।