*राजस्थान के बीकानेर में 4.2 तीव्रता का भूकंप, पाकिस्तान रहा केंद्र फिलहाल अभी किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है*
नई दिल्ली संवाददाता कृतिका राणा
प्रदेश के बीकानेर में रविवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। फिलहाल अभी किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है। नेशनल सेंटर फाॅर सीस्मोलाॅजी के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई।भूकंप से अभी तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। भूकंप का केंद्र बीकानेर से 516 किलोमीटर दूर पाकिस्तान में बताया जा रहा है।
भूकंप के कारण लोग दहशत में आ गए। पूरे जिले में अफरा-तफरी का माहौल रहा और लोग डर के कारण घरों से बाहर आ गए।
हो सकती है भीषण तबाही
बता दें हर साल दुनिया में करीब 20 हजार भूकंप आते हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 2 से 2.9 तीव्रता में कंपन का बहुत कम पता चलता है। 3 से 3.9 तीव्रता में ऐसा लगता है कि कोई भारी वाहन पास से गुजरा है। वहीं, 4 से 4.9 घर में रखा सामान अपनी जगह से नीचे गिर सकता है। इसी तरह 9 या इससे ज्यादा में भीषण तबाही होती है।
*अग्निशमन में भूकंप में बचाव के तरीके बताए*
दिल्ली एनसीआर और आगरा में 21 मार्च की रात भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप के झटकों से सबसे ज्यादा दहशत बहुमंजिला इमारतों में फैली थी। लोग फ्लैट से बाहर भागे थे। खुले स्थान पर आ गए थे।अग्निशमन विभाग में जागरूकता अभियान चलाया। संजय प्लेस में डेढ़ दर्जन से अधिक बहुमंजिला इमारत और मॉल में पहुंचकर लोगों को बताया गया कि भूकंप के दौरान बचाव कैसे करना है।
*भूकंप आने से पहले ये करें*
छत और नींव के प्लास्टर में दरारें हैं तो उसकी मरम्मत करा लें।
झूमर, लाइटिंग को छत पर मजबूती से लगाएं। सबसे पहले ये हिलना शुरू होते हैं।अलमारियों में नीचे के खनों में भारी वस्तुओं को रखें।घर के बाहर पहले ही सुरक्षित स्थान चिन्हित करके रखें। वहां खंभा, पेड़, होडिंग, खिड़की नहीं होनी चाहिए।
आप घर में फंस जाएं। जमीन झुकने लगे तो मजबूत मेज या फर्नीचर के नीचे छिप जाएं। तब तक पकड़कर बैठे रहें, जब तक भूकंप के झटके रुक न जाएं।
आसपास कोई मेज या डेस्क न हो तो बाजुओं से चेहरे को ढककर सिर नीचे करके बैठें। बिल्डिंग के किसी कोने में बैठें।
किसी आंतरिक दरवाजे के लेंटर, किसी कमरे के कोने, किसी मेज या पलंग के नीचे रुककर अपने को बचाएं।
शीशे, खिड़कियों, दीवारों या ऐसी कोई चीज जो गिर सकती हो उससे दूर रहें।
घर से बाहर तभी भागें जब दरवाजा पास में हो।
अनुसंधान में यह बात निकलकर सामने आयी है कि ज्यादातर चोटें तब लगती हैं, जब भवन के अंदर मौजूद लोग किसी दूसरी जगह या बाहर जाने का प्रयास करते हैं।
यदि घर से बाहर हैं तो जहां हैं, वहीं रुकें, इमारत, पेड़ों, बिजली के तारों, स्ट्रीट लाइट आदि से दूर रहें।यदि वाहन में चल रहे हों तो उसे रोकें और अंदर बैठे रहें। इमारत, पेड़ों, बिजली के खंभों आदि के पास वाहन खडा न करें।मलबे में फंसे हों तो माचिस की तीली न जलाएं। हिले-डुले नहीं, मुंह को रूमाल या किसी कपड़े से ढक लें। किसी पाइप या पास की दीवार को थपथपाएं, जिससे कि बचाव कार्य में जुटे लोग आपको ढूंढ सकें।
राजस्थान के बीकानेर में 4.2 तीव्रता का भूकंप, पाकिस्तान रहा केंद्र फिलहाल अभी किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है*
