माँ….. एक समझदार लड़की के संघर्ष की कहानी
भावना गौतम ” जानी

माँ….. एक समझदार लड़की के संघर्ष की कहानी
भावना गौतम ” जानी “

कहते है , भगवान सब जगह नहीं हो सकता, इसलिए भगवान ने मां-बाप को बनाया है। पुराने जमाने में माता, आज के जमाने की मम्मी और मम्मा.. चाहे किसी भी नाम से पुकारो.. भावना सिर्फ एक ही है निस्वार्थ प्रेम। जीवन की यात्रा मे हमें अनेक लोग मिलते और दावा करते की वो हमसे इस दुनिया मे सबसे अधिक प्रेम करते है। निःसंदेह करते भी होंगे लेकिन इस प्रेम मे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई ना कोई स्वार्थ छुपा होता है। यह एक कटु सत्य है, जिसे जितना शीघ्र समझ लिया जाये.. हमारे लिए अच्छा है।
एक माँ ही है, जिसके हाथ सदैव अपनी संतान के लिए प्रार्थना मे उठते है। हर माँ का रिश्ता अपनी संतान से 9 माह…अन्य रिश्तो से अधिक होता है। आज मैं एक ऐसी ही माँ की कहानी बताना चाहूंगी जिसका संघर्ष अनवरत जारी है…
6 भाइयो की इकलौती बहन।बचपन से ही लाड़ प्यार मे पली बड़ी। जैसा की गांवो मे होना आम बात है.. शहर के एक अच्छे परिवार को देख कर 13 साल मे शादी कर दी गई। एक नासमझ लड़की अब समझदार बन गई थी। 15 साल मे एक बेटी का जन्म हो गया और 17 साल मे दूसरी बेटी का जन्म। यहाँ यह बताना जरुरी नहीं होगा की दूसरी बेटी के जन्म पर कितने ताने और खरी खोटी सुनाई गई होंगी। इतना सुनने के बाद भी हँसते रोते जीवन निकल रही थी ।
तभी इस समझदार लड़की के जीवन मे एक काली रात आई.. जिसने सब कुछ छीन लिया… सबकुछ… पति की अकाल मृत्यु।
दुखो का पहाड़ टूट पड़ा। हम कल्पना भी नहीं कर सकते की 18 साल की लड़की जिसके साथ उसकी 2 बेटियां..एक 2 साल और एक 6 माह की.. उस समय खुद को किस तरह संभाला होगा।
सब ने सलाह दी दूसरी शादी कर लो। पर उस 18-19 साल की लड़की ने अपना पूरा जीवन अपनी बेटियों को शिक्षित करने मे लगा दिया। बड़ी बेटी 14-15 साल की हुई तो परिवार के लोगों ने कहा इसकी शादी कर दो। तब इस समझदार लड़की ने परिवार वालो को साफ साफ कह दिया.. “जो मेरे साथ हुआ है वो मेरी बेटियों के साथ नहीं होगा ”। आज इस समझदार लड़की की बेटियों ने उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपनी माँ का सपना पूरा किया है।भगवान के आशीर्वाद यह समझदार लड़की स्थाई नौकरी भी लग गई। इस समझदार लड़की का नाम है ” जानी “।
जिसका संघर्ष आज भी है जारी…..।