मध्य प्रदेश में बेरोजगारी, इंप्लाइमेंट ऑफिस से 39 लाख बेरोजगारों में 21 को मिली नौकरी, एक नौकरी पर खर्च हुए 80 लाख
नई दिल्ली संवाददाता आशीष गौड
मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार उपबल्ध कराने के लिए इंप्लाइमेंट ऑफिस खोले हैं. इन इंप्लाइमेंट ऑफिसों ने अप्रैल से इस साल के शुरूआत तक केवल 21 लोगों को ही रोजगार उपलब्ध कराया है.यह जानकारी खुद सरकार ने एक मार्च को विधानसभा में कांग्रेस विधायक मेवाराम जाटव के सवाल के जवाब में दी.सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 39 लाख बेरोजगारों ने अपना रिजस्ट्रेशन कराया है.
मध्य प्रदेश में कितने बेरोजगार रजिस्टर्ड हैं
वहीं अगर इंप्लाइमेंट ऑफिसों को चलाने पर आए खर्च की बात करें तो प्रदेश के सभी 52 जिलों में इनको चलाने पर 16 करोड़ 74 लाख रुपये खर्च हुए हैं. इस तरह देखें तो सरकार ने एक बेरोजगार को नौकरी दिलाने पर करीब 80 लाख रुपये खर्च किए.इन इंप्लाइमेंट ऑफिसों में 37 लाख 80 हजार 679 शिक्षित और एक लाख 12 हजार 470 अशिक्षित बेरोजगारों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है.पिछले करीब तीन साल में इनमें से केवल 21 लोगों को ही रोजगार मिला है.ये नौकरियां सरकारी विभागों और आयोगों में मिली हैं.
सरकारी नौकरी पर बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने
मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं. कांग्रेस प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार पर युवाओं को नौकरियां दिलाने में विफल रहने का आरोप लगाती रही है. कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने एनडीटीव से कहा,”वे पैसे बर्बाद कर रहे हैं,कर्ज ले रहे हैं और घी पी रहे हैं. मध्य प्रदेश में सिस्टम ध्वस्त हो गया है. यह सरकार नहीं बल्कि एक सर्कस है. यहां कानून-व्यवस्था का कोई मतलब नहीं है.”
प्रदेश में सरकार चला रही बीजेपी कांग्रेस के इन आरोपों से इनकार करती है. बीजेपी विधायक गौरीशंक बिशेन ने कहा, ”शिवराज पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनेंगे.मुख्यमंत्री ने पहले ही विधानसभा में बताया है कि सरकार के वादों और उन्हें पूरा करने में कोई अंतर नहीं है. हम कह रहे हैं कि हमने रोजगार दिया है, आप इसे चेक कर सकते हैं.”