किरण चौधरी बोलीं- मंडियों में पहुंच रही सरसों की आवक, नहीं हो रही सरकारी खरीद

चडीगढ़। कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री व विधायक किरण चौधरी ने एमएसपी मामले में सरकार को घेरते हुए कहा कि मंडियों में सरसों की आवक शुरू हो चुकी है लेकिन सरकारी खरीद नहीं हो रही। किसानों को एमएसपी मिलनी चाहिए, लेकिन सरकार एमएसपी पर सरकारी खरीद करने को तैयार नहीं है।इतना ही नहीं, सदन में विपक्ष की आवाज को भी दबाने का प्रयास किया जा रहा है। किरण चौधरी पत्रकारों से बातचीत कर रही थी।

उन्होंने कहा कि सदन में 14 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाए थे, जो बेहद अहम थे। लेकिन सदन में उन्हें दर किनार किया गया। प्रदेश में कानून व्यवस्था खराब हो रही है, बहुत सारे ऐसे मुद्दे है लेकिन उन पर सदन में सुनवाई नहीं हो रही। किसानों का बुरा हाल है, सरसों की फसल का पाले से नुकसान हुआ है। बजट सत्र की कार्यवाही में स्पीकर ने प्रस्ताव और प्रश्नों के शब्दों की सीमा तय कर दी है, अब कोई भी सवाल 150 शब्दों से ज्यादा का नहीं हो सकता। वहीं ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को लेकर शब्द सीमा 250 कर दी गई है। यह सब कुछ विपक्ष की आवाज दबाने के लिए किया जा रहा है। बुढापा पेंशन को 5100 करने का घोषणा पत्र में वायदा किया गया था लेकिन 250 रुपये बढ़ोतरी कर सरकार ने बुजुर्गों के साथ विश्वासघात किया है।

सांसद दीया और विधायक सिंघवी बोले, किसानों को मुआवजा दे राज्य सरकार

18 मार्च को बेमौसम बारिश ने किसानों की फसलों को चौपट कर दिया है। कई किसानों की फसल पूरी बर्बाद हो गई है। वे त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। राजसमंद की सांसद दीया कुमारी और छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने राज्य सरकार से किसानों को मुआवजा देने की आवाज उठाई है।
सांसद दीया कुमारी ने कहा कि हाल ही में हुई बेमौसम बारिश से फसलों को काफी नुकसान हुआ है, धरती पुत्रों की मेहनत पर प्राकृतिक आपदा से वज्रपात हुआ है। ऐसे में किसान बहुत दुखी है। उन्होंने कहा की लोकसभा क्षेत्र की अन्य विधानसभाओं राजसमंद, कुंभलगढ़, भीम, नाथद्वारा, ब्यावर और जैतारण में भी बारिश से हुए नुकसान की जानकारी एकत्र करवाई जा रही है। सांसद दीया कुमारी ने मेड़ता और डेगाना विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान उपस्थित अधिकारियों को तुरंत गिरदावरी कर सही रिपोर्ट सरकार को भेजने के लिए निर्देशित किया है।

इधर, छबड़ा विधायक व पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर छबड़ा – छीपाबड़ौद विधानसभा क्षेत्र में रबी की फसलों में हुए नुकसान का सर्वे करवाकर मुआवजा दिलवाए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि दिनांक 17 मार्च शुक्रवार की रात्रि को तहसील छबड़ा की ग्राम पंचायत गोड़ियामेहर, तीतरखेड़ी, कड़ैयाहाट, बापचा, भूलोन, फलिया और तहसील छीपाबड़ौद की ग्राम पंचायत ढोलम, अजनावर, रांई, बिलेड़ी, कुम्भाखेड़ी, हरनावदाशाहजी इत्यादी ग्राम पंचायतों में बेमौसम हुई भारी बारिश, तेज आंधी, ओलावृष्टि के कारण धनियां, चना, अफीम, गेंहु, सरसों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई।

सिंघवी ने कहा कि इसी माह 4 व 5 मार्च को भी भारी बारिश के कारण किसानों की फसलों में काफी नुकसान हुआ था, किसान अभी उस नुकसान से उबरा भी नहीं कि 17 मार्च को हुई बरसात व ओलावृष्टि ने पूरी फसलों को ही नष्ट कर दिया। फसलें नष्ट होने से किसानों के सामने जीवनयापन का संकट खड़ा हो गया। गरीब किसानों ने महंगाई के दौर में कर्जा लेकर व महंगी दरों पर खाद बीज खरीद कर दिन-रात कड़ी मेहनत कर फसल तैयार की थी, लेकिन बेमौसम की मार के कारण किसानों की पूरी मेहनत पर पानी फिर गया। सिंघवी ने 8 मार्च को मुख्यमंत्री को किसानों की फसल में हुए नुकसान का मुआवजा दिए जाने के लिए पत्र लिखा था, परन्तु प्रशासन की ओर से आज तक कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई है।

सिंघवी ने यह भी कहा है कि जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत बीमा करवा रखा है, उन किसानों को बीमा क्लेम की राशि शीघ्र दी जाए