ग्रामीण अंचल के वांशिदों का प्रमुख आर्थिक स्रोत पशुपालन–मंत्री जूली
मरूधर हिन्द
कठूमर।दिनेश लेखी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा कारागार विभाग मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि देश गांवों में बसता है। ग्रामीण अंचल के वांशिदों का प्रमुख आर्थिक स्रोत पशुपालन है। जिससे उनके रोजमर्रा के जीवन का निर्वाह होता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा में अलग से कृषि बजट पेश कर देश में नजीर पेश की है। मंत्री जूली रविवार को बानसूर के बासना गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में सरस डेयरी के नव निर्वाचित चेयरमैन एवं संचालक मण्डल सदस्यों के सम्मान समारोह में उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व में कांग्रेस सरकार ने ही पूर्व में दूध पर दो रुपये बढ़ाकर किसान को समृद्ध कराने का कार्य किया था लेकिन भाजपा सरकार ने इसे वापस बंद कर दिया। फिर दोबारा गहलोत सरकार ने ही दूध पर पांच रुपये प्रति लीटर दर का इजाफा किया है तथा नव निर्वाचित सरस डेयरी चेयरमैन ने भी राज्य सरकार के साथ कदम मिलाते हुए पांच रुपये लीटर की दरे बढ़ा दी। अब किसानों को दस रुपये प्रति लीटर दर पर दूध विक्रय करने से ना केवल फायदा होगा बल्कि पशुपालक समृद्ध भी बनेगा। उन्होंने कहा कि पशु किसानों के रीढ़ की हड्डी है। प्रत्येक घर में शुद्ध दूध व घी पहुंचाने में सरस डेयरी का अहम योगदान है। कार्यक्रम में केबिनेट मंत्री शकुन्तला रावत व मंत्री जूली की धर्मपत्नी गीता जूली का आयोजकों की ओर से चुनरी उडाकर स्वागत व सम्मान किया गया। इस अवसर पर नव निर्वाचित चेयरमैन विश्राम गुर्जर, विधायक दीपचंद खैरिया, पूर्व चेयरमैन रामफल गुर्जर, प्रधान दौलतराम जाटव, मनोज डायरेक्टर, सुमन, चेयरमैन नीता मिश्रा, सरपंच सत्यपाल चौधरी, गीता देवी, रहमान खान, सुनीता गुप्ता, निलेश खण्डेलवाल, भरतलाल जाटव, छितरलाल सहित डेयरी के पदाधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
ग्रामीण अंचल के वांशिदों का प्रमुख आर्थिक स्रोत पशुपालन–मंत्री जूली
