हरियाणा के सोनीपत में वायरल बुखार ने बरपाया कहर : सोनीपत नागरिक अस्पताल में मरीजों की लग रही लंबी लाइनें
नई दिल्ली संवादाता राखी मेहता
मौसम में आए बदलाव के कारण लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। वायरल बुखार के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिला नागरिक अस्पताल में रोजाना बुखार पीड़ित 150 से ज्यादा मरीजों की ओपीडी हो रही है। साथ ही अस्पताल के मेडिकल वार्ड में बुखार के 18 मरीज भर्ती है। उनका फिजिशियन व नर्सिंग अधिकारियों की देखरेख में उपचार चल रहा है। जिले में अब तक डेंगू के 21 मरीज मिल चुके हैं जिसमें से एक मरीज अस्पताल के डेंगू वार्ड में उपचाराधीन है।मौसम में परिवर्तन के साथ ही मरीज बढ़ने लगे हैं। मरीजों में गले में खराश, सिरदर्द, शरीर दर्द, जुकाम व सर्दी लगने के लक्षण मिल रहे है। नागरिक अस्पताल में रोजाना सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक ओपीडी में बुखार के मरीजों की लाइन लगी रहती है। जांच में डेंगू के मरीज भी मिल रहे हैं। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से उल्टी-दस्त और बुखार के मरीज भी बड़ी संख्या में आ रहे हैं। इस मौसम में विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को खास एहतियात बरतने की जरूरत है। चिकित्सक का कहना है कि बदलते मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में सर्दी, जुकाम और बुखार जकड़ लेता है। यदि ऐसे लक्षण नजर आए तो उसे अनदेखा करने की बजाय तुरंत चिकित्सक के पास जाना चाहिए।
खानपान का विशेष ध्यान रखना जरूरी
फिजिशियन डॉ. शैलेंद्र राणा का कहना है कि ऐसे मौसम में खानपान और रहन-सहन के मामले में खास ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे में फ्रिज का पानी नुकसानदेह हो सकता है। उन्होंने बताया कि मौसम के बदलाव के कारण आजकल ओपीडी की भी संख्या बढ़ने लगी है। रोजाना 150 से अधिक मरीज सर्दी खांसी, जुकाम, वायरल आदि से पीड़ित आ रहे है। लगातार तापमान के उतार चढ़ाव के कारण सबसे अधिक छोटे बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। बीमारियों से बचाने के लिए बच्चों के कपड़ों को साफ रखना चाहिए। इसके साथ ही हरी सब्जियों को फ्रिज में अधिक देर तक न रखें और फ्रिज का ठंडा पानी नहीं पिये। अभिभावकों को अपने बच्चों को पानी उबाल कर या फिल्टर करके देना चाहिए। छोटे बच्चों के गीले कपड़े समय पर बदलते रहें जिससे बच्चों को सर्दी, जुकाम खांसी से बचाया जा सके।
ये सावधानी बरतें
-बदलते मौसम में संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।
-पौष्टिक आहार लेना चाहिए, इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
-खानपान का विशेष ध्यान रखें, पर्याप्त पानी पीना चाहिए।
- ठंडे पदार्थों का सेवन भी कई बार बुखार का कारण बन जाता है।
- सिर दर्द या बुखार महसूस हो तो विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह से ही दवा लें।
- सुबह की सैर के साथ-साथ नियमित योग करना चाहिए।
वर्जन
खानपान और रहन-सहन पर ध्यान दिया जाए तो मौसमी बीमारियों के प्रकोप से बचा जा सकता है। बुखार पीडितों में डेंगू के लक्षण भी मिल रहे हैं। अब तक जिले में डेंगू के 18 मरीज मिल चुके हैं। ऐसे में लोगों को बीमारियों से बचाव के लिए मच्छरों से बचे और घर और आसपास सफाई रखें जिससे मच्छर न पनपे
नई दिल्ली संवादाता राखी मेहता
मौसम में आए बदलाव के कारण लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। वायरल बुखार के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिला नागरिक अस्पताल में रोजाना बुखार पीड़ित 150 से ज्यादा मरीजों की ओपीडी हो रही है। साथ ही अस्पताल के मेडिकल वार्ड में बुखार के 18 मरीज भर्ती है। उनका फिजिशियन व नर्सिंग अधिकारियों की देखरेख में उपचार चल रहा है। जिले में अब तक डेंगू के 21 मरीज मिल चुके हैं जिसमें से एक मरीज अस्पताल के डेंगू वार्ड में उपचाराधीन है।मौसम में परिवर्तन के साथ ही मरीज बढ़ने लगे हैं। मरीजों में गले में खराश, सिरदर्द, शरीर दर्द, जुकाम व सर्दी लगने के लक्षण मिल रहे है। नागरिक अस्पताल में रोजाना सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक ओपीडी में बुखार के मरीजों की लाइन लगी रहती है। जांच में डेंगू के मरीज भी मिल रहे हैं। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से उल्टी-दस्त और बुखार के मरीज भी बड़ी संख्या में आ रहे हैं। इस मौसम में विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को खास एहतियात बरतने की जरूरत है। चिकित्सक का कहना है कि बदलते मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में सर्दी, जुकाम और बुखार जकड़ लेता है। यदि ऐसे लक्षण नजर आए तो उसे अनदेखा करने की बजाय तुरंत चिकित्सक के पास जाना चाहिए।
खानपान का विशेष ध्यान रखना जरूरी
फिजिशियन डॉ. शैलेंद्र राणा का कहना है कि ऐसे मौसम में खानपान और रहन-सहन के मामले में खास ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे में फ्रिज का पानी नुकसानदेह हो सकता है। उन्होंने बताया कि मौसम के बदलाव के कारण आजकल ओपीडी की भी संख्या बढ़ने लगी है। रोजाना 150 से अधिक मरीज सर्दी खांसी, जुकाम, वायरल आदि से पीड़ित आ रहे है। लगातार तापमान के उतार चढ़ाव के कारण सबसे अधिक छोटे बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। बीमारियों से बचाने के लिए बच्चों के कपड़ों को साफ रखना चाहिए। इसके साथ ही हरी सब्जियों को फ्रिज में अधिक देर तक न रखें और फ्रिज का ठंडा पानी नहीं पिये। अभिभावकों को अपने बच्चों को पानी उबाल कर या फिल्टर करके देना चाहिए। छोटे बच्चों के गीले कपड़े समय पर बदलते रहें जिससे बच्चों को सर्दी, जुकाम खांसी से बचाया जा सके।
ये सावधानी बरतें
-बदलते मौसम में संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।
-पौष्टिक आहार लेना चाहिए, इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
-खानपान का विशेष ध्यान रखें, पर्याप्त पानी पीना चाहिए।
- ठंडे पदार्थों का सेवन भी कई बार बुखार का कारण बन जाता है।
- सिर दर्द या बुखार महसूस हो तो विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह से ही दवा लें।
- सुबह की सैर के साथ-साथ नियमित योग करना चाहिए।
वर्जन
खानपान और रहन-सहन पर ध्यान दिया जाए तो मौसमी बीमारियों के प्रकोप से बचा जा सकता है। बुखार पीडितों में डेंगू के लक्षण भी मिल रहे हैं। अब तक जिले में डेंगू के 18 मरीज मिल चुके हैं। ऐसे में लोगों को बीमारियों से बचाव के लिए मच्छरों से बचे और घर और आसपास सफाई रखें जिससे मच्छर न पनपे