हरियाणा के कैथल में ठेकेदार से 10 लाख रंगदारी मांगने के मामले में तीन गिरफ्तार, दूसरे ठेकेदार ने रची थी साजिश
कैथल। लेबर ठेकेदार से 10 लाख की रंगदारी मांगने व टेंडर न भरने की धमकी देने के मामले में पुलिस ने बुधवार को एक अन्य ठेकेदार सहित दो और व्यक्तियों को काबू किया है। इनमें आरोपी ठेकेदार ने ही यह साजिश रची थी।पुलिस ने चीका निवासी प्रगट सिंह, कुलदीप सिंह व जगदीप सिंह को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। वहां से जगदीप को जेल भेज दिया वहींं शेष दोनों आरोपियों को जमानत मिल गई।
मामले का खुलासा करते हुए एसपी मकसूद अहमद ने पत्रकारों को बताया कि पुलिस ने गुलमोहर सिटी निवासी जितेंद्र कुमार की शिकायत पर यह केस दर्ज किया था। उसने बताया था कि वह सरकारी ठेकेदार है और मंडियों से अनाज उठाने का काम करता है। गत 13 मार्च को उसके पास व्हाट्सएप कॉल आया कि आप कस्बा चीका की किसी भी मंडी में टेंडर न भरो और 10 लाख रुपये रंगदारी दो। इसके बाद 16 मार्च को रात के समय दोबारा उसके पास फोन आया और कहा कि या तो हमारा काम कर दो नही तो सुबह आप नहीं मिलोगे।
इस संबंध में पुलिस ने थाना तितरम में केस दर्ज किया था। सीआईए-1 सहित साइबर सेल के एएसआई रणदीप ने मामले के खुलासे में मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने मामले को ट्रेस किया। एएसआई मुकेश कुमार की अगुवाई में ठेकेदार चीका निवासी प्रगट सिंह और चीका में ही मारपीट के एक मामले में भगोड़ा करार जगदीप को काबू कर लिया। इनके साथ कुलदीप को भी पुलिस ने दबोचा। इनसे पूछताछ में पता चला कि ठेकेदार प्रगट सिंह ने ही जितेंद्र से रंगदारी मांगने की बात कही थी। आरोपी जगदीप ने कुलदीप से पैसे मांगे। इसके बाद कुलदीप ने कुलदीप ने प्रगट सिंह से पैसे मांगे। गौरतलब है कि कुलदीप सदर थाना पटियाला में वर्ष 2020 में दर्ज हत्या के एक मामले में आरोपी है।
पुलिस के मुताबिक, प्रगट सिंह ने साथियों से कहा कि उसके पास पैसे तो नहीं हैं, लेकिन मंडियों के टेंडर छूटने हैं। ठेकेदार जितेंद्र निवासी गुलमोहर सिटी कैथल का नंबर देते हुए उसने ही कुलदीप व जगतार को धमकी देने व टेंडर न भरने की बात कही थी। कुलदीप ने पुर्तगाल में रह रहे अपने दोस्त पंजा के हसनपुर निवासी राजपाल की मदद से वहां का नंबर लेकर व्हाटस-एप कॉल कर यह धमकी दी थी। तीनों को न्यायालय में पेश किया। जहां से जगदीप को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। शेष दोनों आरोपियों कुलदीप और प्रगट सिंह को जमानत मिल गई।
दूसरे ठेकेदार ने रची थी साजिश
मामले में पुलिस ने साइबर विशेषज्ञों की मदद से मामले का पटाक्षेप कर दिया। दूसरे ठेकेदार ने ही साथियों को पीड़ित का नंबर देते हुए रंगदारी मांगने के लिए कहा था। शिकायत के बाद पुलिस ने तेजी दिखाते हुए आरोपियों पर शिकंजा कस लिया और उन्हें दबोच लिया। एएसआई मुकेश कुमार की अगुवाई में आरोपियों ठेकेदार चीका निवासी प्रगट सिंह, कुलदीप व चीका में ही मारपीट के एक मामले में भगोड़ा करार जगदीप को पुलिस ने दबोच लिया।
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में पता चला कि ठेकेदार प्रगट सिंह ने ही जितेंद्र से रंगदारी मांगने की बात कही थी। आरोपी जगदीप ने कुलदीप से पैसे मांगे। इसके बाद कुलदीप ने कुलदीप ने प्रगट सिंह से पैसे मांगे। प्रगट सिंह ने कहा कि उसके पास पैसे तो नहीं हैं, लेकिन मंडियों के टेंडर छूटने हैं। ठेकेदार जितेंद्र निवासी गुलमोहर सिटी कैथल को टेंडर न लेने बारे धमकाओ और साथ में रंगदारी मांग लो। वह स्वयंं भी टेंडर लगाएगा। यदि टेंडर उसे मिल गया तो वह भी उन्हें पैसे दे देगा। प्रगट सिंह ने व्हाट्सएप के जरिये शिकायतकर्ता जितेंद्र का नंबर कुलदीप को भेजा। जो कुलदीप ने यही नंबर जगदीप को भेज दिया। जगदीप ने 13 मार्च को 10 लाख रंगदारी मांगी और धमकाया। फिर 16 मार्च को यही किया। जांच के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि कुलदीप ने पुर्तगाल में रह रहे अपने दोस्त की मदद से वर्चुअल नंबर लिया था। इसके आधार पर पुलिस ने तीनों को काबू कर लिया। पुलिस ने पुर्तगाल में रह रहे कुलदीप के दोस्त पंजाब के हसनपुर निवासी राजपाल की गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।