H3N2 का डर बढ़ा: हरियाणा, कर्नाटक, गुजरात के बाद महाराष्ट्र में पहली मौत; बुजुर्ग की गई जान

H3N2 का डर बढ़ा: हरियाणा, कर्नाटक, गुजरात के बाद महाराष्ट्र में पहली मौत; बुजुर्ग की गई जान

नई दिल्ली संवाददाता आशीष गौड

नागपुर: दुनिया अभी पूरी तरह से कोरोना के खतरे से निपटी भी नहीं है कि एक नया बड़ा खतरा दुनिया में विकराल होता हुआ नजर आ रहा है. देश में अब तक इंफ्लूएंजा ए वायरस H3N2 से तीन मौतें हो चुकी हैं.महाराष्ट्र में भी उपराजधानी नागपुर में एक 78 साल के शख्स की मौत हो गई है. एच3एन2 के इस मरीज की मौत मंगलवार को हुई. इस वायरल इंफेक्शन से हुई मौत ने महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया है कि डेथ ऑडिट होने के बाद ही वे इस मृत्यु को लेकर पुष्टि करेंगे. नागपुर महानगरपालिका क्षेत्र में 78 साल के एच3एन2 के मरीज का इलाज एक प्राइवेट अस्पताल में शुरू था. प्राप्त जानकारियों के मुताबिक संबंधित बुजुर्ग मरीज क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर से भी ग्रसित थे. स्वास्थ्य सेवा (नागपुर सर्कल) की ओर से कहा गया है कि बुधवार को डेथ ऑडिट समिति के सामने यह मामला रखा जाएगा और जब समिति यह पुष्टि करेगी कि यह मौत एच3एन2 से ही हुई है, तभी इसे आधिकारिक रूप से एच3एन2 से हुई मौत का केस माना जाएगा

अहमदनगर में भी एक युवक की मौत; कोरोना या H3N2?

इधर महाराष्ट्र के ही अहमदनगर में भी एक 23 साल के युवक की मौत हुई है. युवक कोरोना और H3N2 Virus दोनों से संक्रमित था. वह अहमदनगर से MBBS की पढ़ाई कर रहा था.बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले युवक कोंकण इलाके में घूमने गया था. वापस लौटने के बाद से पीड़ित युवक को बुखार,खासी और सर्दी शिकायत हुई. टेस्ट कराने पर युवक कोविड पीड़ित मिला. उसे इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती किया गया.. हॉस्पिटल में पीड़ित युवक का H3N2 इंफ्लूएंजा का भी टेस्ट कराया गया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई.डॉक्टर को आशंका है कि युवक की मौत H3N2 वायरस से हुई है. फिलहाल ब्लड सैम्पलको जांच के लिए भेजा गया है. फाइनल रिपोर्ट आने का इंतज़ार है.

नासिक में भी इन्फ्लूएंजा का संक्रमण तेजी से फैल रहा

महाराष्ट्र के एक और महत्वपूर्ण शहर नासिक में भी कोविड के बाद अब इंफ्लूएंजा या H3N2 का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. महापालिका ने शहर के प्राइवेट लैब में स्वाइन फ्लू के मरीजों की रिपोर्ट की जांच की तो उनमें से H3N2 के चार केस पाए गए. पहला केस फरवरी महीने में मिला था. चौथा केस सिडको इलाके में मिला. इन चारों ही मरीजों की तबीयत में सुधार है. इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से पेनिक में ना आने की अपील की है.

कानपुर में इन्फ्लूएंजा से हाहाकार, संक्रमण के बाद गुर्दे हो रहे खराब, आ रहा अस्थमा अटैक

पिछले 1 सप्ताह में वायरल संक्रमण का प्रकोप देशभर में लगातार बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. इस वायरल संक्रमण के प्रकोप से कानपुर का जिला चिकित्सालय भी अछूता नहीं रहा.कानपुर के सरकारी अस्पतालों में सर्दी, खासी, बुखार के मरीज लगातार आ रहे हैं. वहीं इनफ्लुएंजा जैसे लक्षण वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है. वायरस संक्रमण के बाद हर मर्ज के रोगियों की हालत खराब हो रही है. संक्रमण से डायरिया गुर्दे खराब हो रहे हैंं, साथ ही अस्थमा का अटैक भी लोगों को आ रहा है. कानपुर के सरकारी अस्पताल मरीजों से खचाखच भरे हैं. वायरल संक्रमण के बाद रोगियों को डायरिया भी हो रहा है. रोगी गंभीर हालत में इमरजेंसी पहुंच रहे हैं. अगर बात करें बीते मंगलवार की तो कानपुर के हैलट अस्पताल की इमरजेंसी में शाम 4:00 तक 40 मरीज आए. इनमें से आठ होगी ऐसे थे, जिन्हें वायरल संक्रमण के बाद सांस फूलने के साथ फेफड़ों में निमोनिया पाया गया. इसके अलावा संक्रमण के बाद डायरिया गुर्दा और लीवर रोगियों की भी हालत बिगड़ी पाई गई है. कुछ रोगियों को वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया.

मरीजों की संख्या बढ़ी, अस्पताल में बेड खाली नहीं

22 रोगी ऐसे थे इनके लिए बेड नहीं था. इस पर मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉक्टर रिचा गिरी ने हैलट के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ आर के मौर्या से बात करके मनोरोग विभाग का वार्ड खाली कराकर रोगियों को भर्ती कराया. डॉक्टर रिचा गिरी ने बताया कि कुछ रोगियों को मेटरनिटी विंग में शिफ्ट किया गया है. 5 वार्ड 40 बेड भर गए हैं. इसके बाद मनोरोग वार्ड में रखा गया है.

हालात ऐसे कि इमरजेंसी यूनटि भी खाली नहीं

वर्तमान में हालात ऐसे हैं कि इमरजेंसी की यूनिट भी खाली नहीं हो पा रही है. लगातार मरीजों का आना लगा है. वहीं बात करें कानपुर के डफरिन हॉस्पिटल की तो वायरल संक्रमण को लेकर गर्भवती महिलाओं को सतर्कता बरतने के सुझाव दिए गए हैं. जिला महिला चिकित्सालय में 8 बेड का आइसोलेशन वार्ड बना दिया गया है.अस्पताल की प्रमुख अध्यक्ष का डॉ सीमा श्रीवास्तव ने बताया कि सभी रोगियों को मास्क लगाने की भी दिशा निर्देश दे दिए गए हैं. इमरजेंसी में इनफ्लुएंजा जैसे बीमारी के लक्षण लेकर आने वाली महिला मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में रखा जा रहा है.

608 रोगियों के सैंपल की हुई RTPCR

वहीं अगर बात करें तो स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार सैंपलिंग कर रही हैं चकेरी एयरपोर्ट सीएससी व विभिन्न स्थानों में बीते मंगलवार ग्यारह सौ 18 लोगों के सैंपल लिए गए हैं इनमें से सभी नेगेटिव आए हैं इनमें जुखाम खांसी बुखार वाले 608 रोगियों के सैंपल की आरटी पीसीआर जांच भी कराई जा रही थी . इसके साथ ही चिकन पॉक्स वायरस रोगियों में सक्रिय दिख रहा है . अगर कानपुर के काली हैलट अस्पताल की बात करें तो मंगलवार को 2823 रोगियों ने हेल्थकेयर ओपीडी विभाग में जांच कराई है.