दिल्ली परिवहन विभाग के इंस्पेक्टर समेत तीन लोग घूंस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, मांग रहे थे 1000
नई दिल्ली संवाददाता संगीता गौड
कोर्ट के आदेश के बाद भी जब्त की गई टैक्सी छोड़ने के बदले घूंस मांग रहे परिवहन विभाग के इंस्पेक्टर समेत तीन लोगों को बुधवार भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने गिरफ्तार किया है।पकड़े गए आरोपियों की पहचान गांव दौलताबाद निवासी इंस्पेक्टर वेदपाल, गुरुग्राम, हरियाणा निवासी उमेश और नांगलोई निवासी सिविल डिफेंस वालंटियर आदित्य कुमार के रूप में हुई है। आरोपी एक टैक्सी चालक से गाड़ी छोड़ने के बदले एक हजार रुपये मांग रहे थे। चालक की शिकायत पर एसीबी ने कार्रवाई कर तीनों को गिरफ्तार किया है।
संयुक्त आयुक्त व एसीबी प्रमुख मधुर वर्मा ने बताया कि बुधवार को उनकी टीम को एक टैक्सी चालक ने परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा घूंस मांगने की शिकायत दी थी। पीड़ित ने बताया कि सोमवार को परिवहन विभाग के अधिकारियों ने उसकी स्विफ्ट डिजायर टैक्सी का चालान कर दिया। चालान के बाद उसकी टैक्सी को भी जब्त कर लिया गया। पीड़ित ने कोर्ट में चार हजार रुपये का जुर्माना भुगतने के बाद गाड़ी छुड़वाने के आदेश प्राप्त कर लिए।
इसके बाद वह द्वारका सेक्टर-22 स्थित ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के दफ्तर पहुंचा। वहां पहले उससे तीन हजार रुपये की मांग की गई। मामले की शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने एक टीम का गठन किया। गवाह के साथ पीड़ित को द्वारका भेजा गया। वहां पहुंचकर चालक ने इंस्पेक्टर वेदपाल से गाड़ी छोड़ने के लिए कहा तो उसने एक हजार रुपये घूंस बराबर वाले कमरे में जाकर देने के लिए कहा। पीड़ित वहां पहुंचा और उसने सिपाही उमेश व आदित्य को एक हजार रुपये घूंस दी। रुपये लेते ही एसीबी की टीम ने वेदपाल, उमेश और आदित्य को गिरफ्तार कर लिया। इसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।
अलवर एसीबी टीम ने पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिक्षण अभियंता को रिश्वत लेते रंगे हाथों किया गिरफ्तार
lwar: अलवर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अलवर द्वितीय की टीम ने मुख्यालय के निर्देश पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिक्षण अभियंता (क्वालिटी कंट्रोल ) रामेश्वर सिंह जाटव को छह लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.एसीबी डीएसपी परमेश्वर दयाल के नेतृत्व में कार्रवाई को अंजाम दिया गया .
एसीबी अलवर द्वितीय इकाई को परिवादी ने सूचना दी कि उसकी फर्म द्वारा पीडब्ल्यूडी विभाग के किये गए निर्माण कार्यों के गुणवत्ता रिपोर्ट देने के लिए 3 करोड़ रु के बकाया बिलों की एवज में 15 लाख रु की रिश्वत की मांग की गई . जिसका सौदा दस लाख में हुआ था. जिसके तहत वह ढाई लाख रु पहले दे चुका है. बाकी रिश्वत के पैसों के लिए परेशान किया जा रहा है. शिकायत के बाद एसीबी की उप महानिरीक्षक कालूराम रावत के सुपरविजन में अलवर एसीबी की द्वितीय इकाई के उपाधीक्षक पुलिस परमेश्वर लाल के नेतृत्व में सत्यापन कराया गया. जिसमें आरोपी को डेढ़ लाख रु दिए गए.
अधिक्षण अभियंता रामेश्वर सिंह जाटव बुद्धवार को अलवर पहुंचा और अपने पैसों की मांग की. इस पर ठेकेदार ने एसीबी को जानकारी दी. जिसपर एसीबी ने अपना जाल बिछाया और आरोपी को भवानी तोप से आगे सरस डेयरी बूथ के पास गाड़ी में शेष रकम छह लाख रु लेते हुए रंगे हाथ दबोच लिया. एसीबी इसमें दो लाख भारतीय मुद्रा और चार लाख की डमी करेंसी बरामद कर आरोपी को अपने साथ उसकी गाड़ी को भी एसीबी चौकी आर आर कॉलेज लेकर गयी. जहां उससे पूछताछ की गई. आरोपी के पास जयपुर ग्रामीण और अलवर मुख्यालय के पीडब्ल्यूडी में अधिक्षण अभियंता क्वालिटी कंट्रोल का जिम्मा है.
इससे पहले भी रामेश्वर सिंह ने कांटेक्ट से एक बार ढाई लाख रुपए तो एक बार डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत ली थी. एसीबी को पीडब्ल्यूडी विभाग के क्वालिटी कंट्रोल विभाग में तैनात अधीक्षण अभियंता रामेश्वर सिंह जाटव द्वारा छह लाख की रिश्वत मांगने की शिकायत मिली. इस पर एसीबी ने मामले का सत्यापन करवाया. मामला सही पाया गया. एसीबी के अधिकारियों ने कांट्रेक्टर को छह लाख रुपए देकर रामेश्वर सिंह के पास भेजा. अलवर सरस डेयरी के पास कांट्रेक्टर ने रामेश्वर सिंह को छह लाख रुपए की रिश्वत दी.
उसके बाद तुरंत एसीबी की टीम ने रामेश्वर सिंह को रिश्वत की राशि के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले रामेश्वर सिंह चार लाख रुपए रिश्वत ले चुका है. उसके खिलाफ लंबे समय से रिश्वत की शिकायतें मिल रही थी. एसीबी के अधिकारियों ने दो लाख रुपए की राशि व चार लाख रुपए डमी राशि लेकर कॉन्टैक्टर को रामेश्वर सिंह जाटव के पास भेजा.