दिल्ली सरकार का ऐलान, रेलवे स्टेशनों को यात्री फ्रेंडली बनाने के लिए स्टेशनों पर होगी गेमिंग जोन की शुरुआत यात्रियों को नहीं होना पड़ेगा वोर,2024 तक देश को मिलेंगी 67 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन

दिल्ली सरकार का ऐलान, रेलवे स्टेशनों को यात्री फ्रेंडली बनाने के लिए स्टेशनों पर होगी गेमिंग जोन की शुरुआत यात्रियों को नहीं होना पड़ेगा वोर,2024 तक देश को मिलेंगी 67 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन

नई दिल्ली संवाददाता पवित्रा शर्मा

दिल्ली के यात्रियों को ट्रेन में सवार होने से पहले अब बोर नहीं होना पड़ेगा। दिल्ली डिविजन ने फिलहाल गेमिंग जोन सुविधा की कुछ बड़े स्टेशनों पर शुरुआत की है।रेलवे की तमाम उपलब्धियों के बावजूद अक्सर ट्रेनों के निर्धारित समय से देरी से चलने की वजह से यात्री परेशानियों का सामना करते रहे हैं। कई बार ट्रेन लेट होने की जानकारी यात्रियों को स्टेशन पर जाकर ही मिलती है। ऐसी सूरत में यात्रियों के पास स्टेशन पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता। कई बार लोग अपने किसी परिवार को सदस्य को स्टेशन पर लेने पहुंचते हैं और समय से पहुंचकर स्टेशन पर ही ट्रेन आने का इंतजार करते हैं, लेकिन स्टेशन पर यात्रियों की भीड़भाड़ और जगह की उपलब्धता न होने के कारण स्टेशन में बैठकर किसी ट्रेन के आने का इंतजार करना बड़ा मुश्किल हो जाता है।

ऐसे में दिल्ली के तीन बड़े रेलवे स्टेशन नई दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन और आनंद विहार रेलवे स्टेशनों पर अब यात्रियों के लिए गेम जोन की सुविधा शूरू की जायेगी। वहां ट्रेन लेट होने पर यात्री कई तरह के इनडोर गेम्स में अपना समय व्यतीत कर सकेंगे। दरअसल, रेलवे किराए के इतर भी कमाई का जरिया ढूंढने के लिए तरह-तरह की तरकीब निकाल रहा है। गेमिंग जोन बनाने का फैसला भी इसी आइडिया का हिस्सा है। रेलवे को उम्मीद है कि इससे हर साल करीब 37 लाख रुपये की आमदनी हो सकेगी। रेलवे आधिकारियों के मुताबिक स्टेशनों में गेमिंग जोन्स मॉल जैसे ही होंगे। इनमें टेबल सॉकर, शतरंज, टेबल टेनिस, पूल और दूसरे खेल की सुविधा होगी। गेमिंग जोन पेड एरिया से बाहर होंगे ताकि कोई भी यात्री इसका इस्तेमाल कर सके।

उत्तरी रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दिल्ली डिवीजन ने तीनों रेलवे स्टेशनों में गेमिंग जोन बनाने और उसे चलाने का ठेका दे दिया है। जानकारी के अनुसार नई दिल्ली और आनंद विहार रेलवे स्टेशनों में गेमिंग जोन अगले दो महीनों में शुरू होने वाला है। इन दोनों जगहों पर गेमिंग जोन बन जाने के बाद निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर भी ऐसा ही जोन तैयार किया जायेगा। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्रथम तल पर टिकट काउंटर के सामने गेमिंग जोन बनाने का काम शुरू हो चुका है। इसके अलावा ट्रेन लेट होने या यात्रियों के इंतजार करने के लिए रेलवे ने एक अन्य सुविधा शुरू की है स्लीपिंग पॉड की सुविधा। इसका टेंडर भी रेलवे ने फरवरी में ही जारी कर दिया था। इस प्रक्रिया के पूरी होने के बाद पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इसका विकास किया जाएगा। इस स्लीपिंग पॉड्स में पीने का पानी, मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक चाजिर्ंग सॉकेट, एक लॉकर रूम, इंटरनेट और एक डीलक्स बाथरूम की सुविधा भी होगी।

2024 तक देश को मिलेंगी 67 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन

ट्रेन से यात्रा करने वालों को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें खूब पसंद आ रही हैं. अभी ये ट्रेनें देश के कुछ चुनिंदा रूट पर दौड़ रही हैं.भारतीय रेलवे को और गति देने के लिए सरकार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की दिशा में लगातार काम कर रही है. इस क्रम में सेमी-हाई स्पीड ट्रेन के 102 रेक का प्रोडक्शन जारी है.

भारतीय रेलवे के डिजाइन के अनुसार और भारतीय रेलवे उत्पादन इकाइयों के अंदर, 102 वंदे भारत रेक (2022-2023 में 35 और 2023-2024 में 67) का उत्पादन किया जाएगा. वित्तीय वर्ष 2022-2023 के संशोधित अनुमान में, पीएच 21-रोलिंग स्टॉक प्रोजेक्ट (कैरिज) के लिए 19479 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई है, जो कोचों की विभिन्न मदों सहित वंदे भारत ट्रेनों को उपलब्ध कराने के लिए है.

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. मंत्री ने बताया कि पहली वंदे भारत एक्सप्रेस 15 फरवरी, 2019 से नई दिल्ली और वाराणसी के बीच शुरू की गई थी. वर्तमान में, वंदे भारत एक्सप्रेस के 10 जोड़े भारतीय रेलवे (आईआर) नेटवर्क में परिचालन में हैं.

वैष्णव ने कहा, “कुल 75 वंदे भारत रेक चेयर कार संस्करण के रूप में और शेष स्लीपर संस्करण के रूप में योजना बनाई गई है. भारतीय रेलवे ने तीन अलग-अलग तकनीकों के 400 वंदे भारत ट्रेनों (स्लीपर संस्करण) के निर्माण की भी योजना बनाई है. जिसके लिए चयन करने के लिए निविदाएं मंगाई गई हैं.

इसके अलावा बजट 2023-24 के तहत 8000 वंदे भारत कोच भी प्रस्तावित किए गए हैं. कवच के साथ रेलवे नेटवर्क को उत्तरोत्तर कवर करने का प्रस्ताव किया गया है. वर्तमान में कवच को दक्षिण मध्य रेलवे पर 1455 रूट किमी पर लागू किया गया है.

वैष्णव ने कहा, “इसके अलावा, भारतीय रेलवे के दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा सेक्शन के लगभग 3000 रूट किलोमीटर पर कवच के काम के लिए ठेके दिए गए हैं और काम चल रहा है.” इसके अलावा, भारतीय रेलवे के दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा सेक्शन के लगभग 3000 रूट किलोमीटर पर कवच कार्य के लिए ठेके दिए गए हैं और कार्य प्रगति पर है.