दिल्ली ओखला लैंडफिल साइट से कूड़ा हटाने का कार्य जोरों पर, दिसंबर तक हटाए जाने अनुमान
नई दिल्ली संवाददाता राखी मेहता
दिल्ली में ओखला लैंडफिल साइट से कूड़े के पहाड़ को हटाए जाने की कवायद जोरों पर है. अनुमान जताया जा रहा है कि इसे दिसंबर तक खत्म कर दिया जाएगा.
राजधानी के तीन बड़े लैंडफिल साइट में से एक ओखला लैंडफिल साइट पर कूड़े के पहाड़ को खत्म करने को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल की तरफ से नई डेडलाइन दी गई है.इसके अनुसार इस वर्ष के आखिरी तक यहां से कूड़े के पहाड़ को हटा दिया जाएगा. इस कार्य की प्रगति को लेकर ईटीवी भारत ने यहां के स्थानीय विधायक सहीराम पहलवान से बात की.
तुगलकाबाद विधानसभा से आम आदमी पार्टी के विधायक सहीराम पहलवान ने बताया कि दो महीने पहले उपमुख्यमंत्री ने यहां का दौरा किया था, जिसके बाद यहां से कूड़े को निष्पादन करने में तेजी आई है. वहीं पिछले हफ्ते ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी यहां पर आकर निरीक्षण किया था. जिस तेजी से कार्य किया जा रहा है उसे देखकर कहा जा सकता है कि दिसंबर तक ओखला लैंडफिल साइट से कूड़े के पहाड़ को हटा लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि, यहां से कूड़ा निष्पादन करने के लिए कुछ नई तकनीक की मशीनें लगाई गई हैं, जिससे काम की गति काफी तेज हो गई है. इसके साथ यहां बने प्लांट में कूड़े का निष्पादन कर बिजली बनाई जा रही है.
बता दें कि ओखला का लैंडफिल साइट पर कूड़े के निष्पादन के लिए नगर निगम चुनाव से पहले एक प्लांट बनाया गया था, जिसका उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था. इस प्लांट में लैंडफिल साइट के कूड़े को निष्पादन कर खाद बनाया जा रहा है. प्लांट को जिंदल ग्रुप द्वारा लगाया गया है, जिसके माध्यम से कूड़े से बिजली बनाने का काम जारी है. इस प्लांट को लगाए जाने के बाद दावा है कि ओखला लैंडफिल साइट की ऊंचाई में कमी आई है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ओखला लैंडफिल साइट के दौरे पर मीडिया से बात करते हुए कहा था कि, जब से ओखला लैंडफिल साइट से कूड़ा हटाने का कार्य शुरू हुआ है, तब से यहां से 20-25 लाख मेट्रिक टन कूड़ा हटाया जा चुका है. हालांकि अभी भी यहां 40 लाख मेट्रिक टन कूड़ा मौजूद है, जिसे हटाने का लक्ष्य अगले साल मई तक रखा गया है. लेकिन हमारी कोशिश रहेगी कि इसको 2023 के दिसंबर तक ही खत्म कर दिया जाए. फिलहाल यहां प्रतिदिन करीब 4,000, 4,500 के मेट्रिक टन कूड़ा हटाया जा रहा है, जिसे 1 अप्रैल से 10 हजार मेट्रिक टन कर दिया जाएगा.
शालीमार बाग के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण करने पहुंची मेयर शैली ओबेरॉय, केजरीवाल मॉडल लाने की बात कही
राजधानी दिल्ली के शालीमार बाग के वार्ड नं 55 और 66 का दिल्ली की मेयर डॉ. शैली ओबरॉय दौरा करने पहुंची. उन्होंने केजरीवाल मॉडल को लाने की बात कही. वहीं, उन्होंने स्कूलों और अस्पतालों में सुविधाएं ना होने चिंता भी जताई. भलस्वा लैंडफिल साइट के साथ-साथ दिल्ली के सभी कूड़े के पहाड़ को हटाने का भी उन्होंने भरोसा दिलायाराजधानी दिल्ली के शालीमार बाग के वार्ड 55 में सोमवार को नगर निगम की मेयर डॉक्टर शैली ओबरॉय पहुंची. इस दौरान उन्होंने एमसीडी के स्कूलों और अस्पतालों का निरीक्षण किया. पिछले 15 सालों से नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी काबिल थी, लेकिन आम आदमी पार्टी ने नगर निगम में भी अपनी सरकार बनाई और लोगों की समस्याओं का समाधान करने का भी वादा किया. इसी कड़ी में आज नगर निगम मेयर शैली ओबेरॉय एमसीडी के स्कूलों और अस्पताल में पहुंची, जहां उन्होंने कहा कि एमसीडी में लंबे समय से कोई काम नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा कि स्कूलों में न तो प्रिंसिपल है और न ही गार्ड आया और बच्चों को पढ़ाने के लिए अध्यापकों की भी कमी है. उनका कहना था कि किसी समय में एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल एमसीडी का हैदरपुर स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल होता था, लेकिन बीजेपी की नाकामियों की वजह से आज उसके हालात खस्ता है. आम आदमी पार्टी की तरफ से जो 10 गारंटी दी गई थी, उनको जल्द से जल्द ना सिर्फ पूरा किया जाएगा बल्कि एमसीडी के स्कूल अस्पताल पार्क सड़क कूड़े को खत्म करने का काम भी तेजी से किया जाएगा.
शालीमार बाग के साथ-साथ मेयर दिल्ली ओबरॉय वार्ड 66 भी पहुंची. जहां विधायक राजेश गुप्ता और निगम पार्षद चित्र विद्यार्थी भी मौजूद रहे. यहां पर उन्होंने हॉर्टिकल्चर अधिकारियों से भी मुलाकात की. साथ ही साथ उन्होंने इस वार्ड के पार्क स्कूल और कई अन्य जगहों का भी निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने देखा कि जॉन अब्राहिम जेजे कॉलोनी का बारात घर पूरी तरह से टूट चुका है.
डीसी ने बताया कि फंड की कमी होने की वजह से यह ना तो नया बन सका और ना ही मरम्मत का काम हो पाया, जबकि इसको बनाने के लिए अनुमति भी मिल चुकी है. लैंडफिल साइट पर भी मेयर शैली ओबरॉय का कहना था कि अभी भी वहां काम चल रहा है और काम की गति को तेज करके जल्दी निर्धारित समय में कूड़े के पहाड़ को वहां से हटाया जाएगा.