दिल्ली में हर रोज 6 रेप, DCW ने जताई चिंता; सरकारी अस्पतालों में मेडिकल टेस्ट में भी हो रही देरी*

*दिल्ली में हर रोज 6 रेप, DCW ने जताई चिंता; सरकारी अस्पतालों में मेडिकल टेस्ट में भी हो रही देरी*

दिल्ली संवाददाता रीमा शर्मा

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित मेट्रोपॉलिटन शहर है। देश में महिलाओं के प्रति अपराध 15 फीसदी बढ़ी है। दिल्ली में हर रोज लगभग 6 महिलाओं से रेप होता है। यह कहना है दिल्ली महिला आयोग का।दिल्ली महिला आयोग ने इस बात पर भी चिंता जाहिर की है कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में रेप पीड़िताओं का मेडिकल टेस्ट कराने में देरी हुई है। सरकारी अस्पतालों में रेप पीड़िताओं की मेडिकल टेस्ट में हो रही देरी को लेकर आयोग ने दिल्ली सरकार के पास अपनी अहम सिफारिशें भी भेजी हैं।

आयोग ने महिला के प्रति अपराध बढ़ने और शारीरीक प्रताड़ना की शिकार महिलाओं द्वारा झेली जाने वाली मानसिक प्रताड़ना पर चिंता जाहिर की है। आयोग ने कहा कि ऐसी पीड़िताओं के सपोर्ट के लिए बनाए गए सिस्टम को मजबूत करने की जरूरत है।

इसके साथ ही आयोग ने सरकारी अस्पतालों में वन-स्टॉप सेंटर्स (OSC) के सही ढंग से काम नहीं करने पर चिंता जताते हुए कहा है कि इसकी वजह से ‘मेडिकल लीगल केस’ यानी एमएलसी में अप्रत्याशित देरी होती है। इससे पहले दिल्ली महिला आय़ोग ने सरकारी अस्पतालों में रेप पीड़िताओं को आने वाली दिक्कतों को लेकर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था। इसमें कहा गया था कि गुरु गोविंद सिंह अस्पताल, स्वामी दयानंद अस्पताल और हेडगेवर अस्पताल में OSC की सुविधा नहीं है।

दिल्ली महिला आयोग ने सिफारिश की थी कि इन अस्पतालों में OSC की सुविधा जल्द से जल्द प्रदान की जाए। OSC से पीड़िताओं को काफी मदद मिलती है। इससे यौन हिंसा की शिकार महिलाओं को मेडिकल के साथ-साथ एक ही छत के नीचे लीगल और काउंसिलिंग की सुविधा भी जल्द मिल पाती है।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने इन सभी विषयों से संबंधित एक रिपोर्ट स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को दी है। इस रिपोर्ट में स्वास्थ्य विभाग के सिस्टम को मजबूत करने के लिए कहा गया है ताकि रेप पीड़िताओं को प्राथमिकता दी जा सके और बिना देर किये उनकी समस्याओं को सुना जा सके। आयोग ने इस मामले में 30 दिनों के अंदर विभाग द्वारा लिये गये ऐक्शन की भी जानकारी मांगी है।