दिल्ली में गूंजेगी पूर्णिया एयरपोर्ट निर्माण की आवाज, जंतर मंतर पर धरना और संसद मार्च के लिए सैकड़ों लोग दिल्ली रवाना

दिल्ली में गूंजेगी पूर्णिया एयरपोर्ट निर्माण की आवाज, जंतर मंतर पर धरना और संसद मार्च के लिए सैकड़ों लोग दिल्ली रवाना
नई दिल्ली संवादाता कृतिका राणा
पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग को लेकर जारी जन आंदोलन की आवाज अब दिल्ली में सुनाई देगी। एयरपोर्ट निर्माण को लेकर आगामी 19 मार्च को जंतर मंतर पर होने वाली एक दिवसीय धरना प्रदर्शन और संसद मार्च के लिए सैकड़ों लोग सीमांचल एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हुए है। हवाई अड्डा निर्माण की मांग को लेकर दिल्ली के लिए कूच करने से पहले पूर्णिया जंक्शन पर मौजूद युवाओं को पूर्णिया एयरपोर्ट सयुक्त संघर्ष समिति के सदस्यों ने विदाई दी।

मसला सीमांचल और कोसी के करोड़ों की आबादी से जुड़ा है, लिहाजा पूर्णिया, अररिया,कटिहार, किशनगंज ,सुपौल ,सहरसा और दरभंगा से धरना प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे युवाओं को फूलों की माला पहनाकर उनका उत्साहवर्धन किया गया। इस खास मौके पर उन्हें विदाई देने पूर्णिया एयरपोर्ट संघर्ष समिति के सदस्यों के अलावा बड़ी तादाद में स्थानीय मौजूद रहे। सफर और आंदोलन के दौरान उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो इसे लेकर पूर्णिया एयरपोर्ट सयुक्त संघर्ष समिति के सदस्यों ने खाद्य सामग्री और फल भेंट किया। साथ ही किसी भी प्रकार की दिक्कत महसूस होने पर अविलंब संपर्क करने को कहा। साथ ही सफलता हासिल कर पूर्णिया लौटने की शुभकामनाएं दी।

एयरपोर्ट एक्टिविस्ट ने बताया कि आगामी 19 मार्च को पूर्णिया एयरपोर्ट निर्माण की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर होने वाले एक दिवसीय धरना और संसद मार्च में 250 लोग शामिल होंगे। सीमांचल , कोसी और दरभंगा के युवा इसे सफल बनाने के लिए आज सीमांचल एक्सप्रेस से दिल्ली रवाना हो रहे हैं। वहीं पूर्णिया एयरपोर्ट सयुक्त संघर्ष समिति के सदस्य दिलीप कुमार दीपक व गौतम वर्मा ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच पूर्णिया एयरपोर्ट का मसला लंबे समय से अधर में अटका है। आंदोलन के जरिए सीमांचल की ये आवाज अब दिल्ली में बैठे हुक्मरानों तक पहुंचेगी।

पूर्णिया एयरपोर्ट सयुक्त संघर्ष समिति के सदस्य पंकज नायक और नंदकिशोर सिंह ने कहा कि पूर्णिया एयरपोर्ट का मुद्दा किसी एक व्यक्ति या किसी एक समुदाय से जुड़ा हुआ नहीं है। इस मुद्दे से सीमांचल और कोसी के करोड़ों की आबादी जुड़ी है। ऐसे में लंबे समय से जिस आवाज को दबाया जाता रहा है, किसी भी कीमत पर सीमांचल और कोसी को उनका हक पूर्णिया एयरपोर्ट मिलना चाहिए।

विधानसभा का घेराव करने जा रहे खेत मजदूरों पर लाठीचार्ज

विधानसभा का घेराव करने जा रहे खेत मजदूरों पर लाठीचार्ज मजदूरों का आरोप- छह बार बैठक का समय देकर इन्कार कर रही है सरकार संवाद न्यूज एजेंसी मोहाली। पंजाब भर से आए ग्रामीण एवं खेत मजदूर जत्थेबंदियों के साझा मोर्चा ने शुक्रवार को शहर में अपनी मांगों को लेकर धरना दिया।धरने के बाद विधानसभा की ओर से मार्च कर रहे मजदूरों को मोहाली पुलिस ने फेज 8 और 9 की सड़क पर रोक दिया। इस दौरान मजूदरों ने बैरिकेड तोड़ कर आगे जाने की कोशिश की। पुलिस के साथ धक्का मुक्की भी करनी पड़ी। इस दौरान पुलिस को लाठी का प्रयोग करना पड़ा। जिसमें काफी संख्या में मजदूरों और महिलाओं को चोट भी लगी। 29 मार्च को सरकार से मीटिंग के लिए मिले आश्वासन के बाद धरना दे रहे मजदूरों को शांत करवाया गया।
इससे पहले सुबह से ही पंजाब की आठ ग्रामीण एवं खेत मजदूर जत्थेबंदियों की साझा मजदूर मोर्चा की अगुवाई में गुरद्वारा श्री अंब साहिब के सामने धरना दिया गया। इस मौके पर मोर्चा में शामिल जमीन प्राप्ती संघर्ष कमेटी के प्रधान मुकेश मलोद, पंजाब खेत मजदूर सभा की देवी कुमारी, देहाती सभा के गुरनाम दाउद, क्रांतिकारी पेंडू यूनियन के लखबीर लोंगोवाल, मजदूर मुक्ति मोर्चा के भगवंत सिंह, पंजाब खेत मजदूर के प्रदेश प्रधान जोरा सिंह नसराली और पेंडू मजदूर यूनियन के कश्मीर सिंह ने कहा कि सीएम भगवंत मान वाली सरकार जब से सत्ता में आई है तब से लेकर अब तक एक साल की प्राप्ती जीरो है। उन्होंने कहा कि आप सरकार की एक साल की कारगुजारी में खेत मजदूरों के लिए कोई काम नहीं किया गया और खेत मजदूरों को एक साल में छह बार मीटिंग का समय दिया। लेकिन बार-बार हां करने के बाद इन्कार करते रहे। इस बार बजट में अलग-अलग श्रेणियों के लिए पैसे रखे गए, परंतु खेत मजदूरों का जिक्र तक नहीं किया। पिछले बजट में एक शब्द लिखा था कि खेत मजदूरों की भलाई के लिए काम किया जाएगा परंतु इस बजट में यह शब्द भी सही नहीं समझा गया। इस कारण उनमें रोष पाया जा रहा है।
मजदूरों की दिहाड़ी 700 रुपये करके साल भर के रोजगार, मजदूरों की कर्जा माफी, जमीनों की बांट, पंचायती जमीनों का तीसरा हिस्सा जमीन मजदूरों के लिए सस्ती दर पर ठेके पर देने, बेघर और जरूरतमंदों को दस-दस मरले के प्लाॅट देने, पेंशन में बढ़ोतरी करने समेत कई मांगे है जिस संबंधी सीएम द्वारा मीटिंग रख कर हर बार रद्द कर दी जाती है। उन्होंने साफ किया है कि उनका प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जबतक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती।