दिल्ली में भारी बारिश से साकेत के पास 10 फीट सड़क धंसी, बड़ा हादसा टला
नई दिल्ली संवाददाता रीमा शर्मा
दिल्ली में बारिश के चलते प्रेस एन्क्लेव मार्ग स्थित हौजरानी रेडलाइट के पास सड़क का एक हिस्सा करीब 10 फीट नीचे धंस गया. इसी कड़ी में यहां से गुजर रही दिल्ली नगर निगम की बस उसमें फंस गई.
दिल्ली के हौज रानी इलाके में उस समय बड़ा हादसा होते-होते बच गया. जब एक डीटीसी की लो फ्लोर बस सड़क धसने से फंस गई. राहत की बात यह रही कि हादसे में कोई घायल नहीं हुआ हैं. बस महरौली की तरफ जा रही थी, तभी हौज रानी रेड लाइट के पास बस गड्ढे में फंस गई. बताया जा रहा है कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा यहां सीवर डालने का काम किया गया था, जिसके बाद से सड़क की मरम्मत नहीं कराई गई है.
बेमौसम बारिश से जलभराव की समस्या: दरअसल, राजधानी दिल्ली में बैमौसम बारिश की वजह से जगह-जगह जलभराव की समस्या भी देखी जा रही है. इसकी वजह से दिल्ली के कई इलाकों में मिट्टी के अंदर नमी आ गई, जिसकी वजह से सड़कें धंस गई हैं. ताजा मामला साकेत मॉल के पास का है, जहां बारिश के बाद सड़क 7 से 8 फीट धंस गई है.घटना की जानकारी मिलते ही तुरंत ट्रैफिक पुलिस मौके पर पहुंची. बताया जा रहा है कि चारों तरफ से बैरियर लगा दिए गए हैं और सड़क पर मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया और उसे देर रात तक निकाल लिया गया. बहरहाल, इतना बड़ा हादसा होने के बावजूद भी पीडब्ल्यूडी विभाग या जल बोर्ड का कोई भी बड़ा अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है.
दिल्ली सरकार की लापरवाही
देश की राजधानी में ऐसी घटनाएं पहले भी कई बार हो चुकी हैं. यह सब लापरवाही दिल्ली जल बोर्ड की बताई जा रही है. जल बोर्ड के लोग काम को सही तरीके से पूरा नहीं करते हैं. नतीजा ये होता है कि सीवर की वजह से सड़कें पूरी तरह धंस जाती है. गौरतलब है कि राजधानी में केजरीवाल सरकार की तरफ से सड़कों की सेफ्टी को लेकर तमाम बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं. बावजूद उसके बार-बार ऐसे हादसे देखने को मिल जाते हैं
दिल्ली नगर निगम के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को शैली ओबरॉय ने दी राहत, नहीं होंगे टर्मिनेट, सेवा बढ़ाने का आदेश
दिल्ली नगर निगम में तैनात कर्मियों लिए राहत की खबर है. दिल्ली महापौर शैली ओबरॉय ने जारी बयान में आश्वस्त किया है कि उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ठेका कर्मचारी को बाहर नहीं किया जाएगा.आजकल दिल्ली की राजनीति में खूब आंख मिचौली का खेल चल रहा है. तुम डाल-डाल तो मैं पात-पात वाली कहावत इस वक्त दिल्ली की दो पार्टी भाजपा और आम आदमी पार्टी पर सटीक बैठती हुई दिख रही हैं. दरअसल, 31 मार्च को निगम में कार्यरत कांट्रेक्ट कर्मचारियों का आखिरी दिन था, तो इस पर राजनीति तो होनी थी. इसका ठीकरा भाजपा के प्रवीन शंकर कपूर ने केजरीवाल पर फोड़ा था. हालांकि कुछ घंटो में ही दिल्ली की मेयर शैली ओबरॉय ने भाजपा को करारा जवाब देते हुए कमिश्नर ज्ञानेश भारती और एडिशनल कमिश्नर को तुरंत आदेश दिया कि किसी भी ठेका कर्मचारी को बाहर नहीं किया जाएगा.MCD कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को शैली ओबरॉय ने दी राह
दिल्ली नगर निगम में तमाम कर्मचारी लगभग कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर रखे हुए हैं. बात चाहे डाटा एंट्री ऑपरेटर की हो, बागानों में देखभाल करने वाले माली या चौकीदार की हो, कॉन्ट्रैक्ट के नियम के अनुसार 31, मार्च तक उनका कार्य दिवस आखिरी था. इसी को लेकर भाजपा के विजय शंकर कपूर ने बयान दिया किया केजरीवाल की निगम सरकार ने ठेका कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. बस इसके बाद ही कर्मचारियों में खलबली मच गई. सभी कर्मचारी असमंजस में पड़ गए कि हमारे भविष्य का आगे क्या होगा?
गौरतलब है कि नगर निगम की ओर से मेसर्स ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसलटेंट इंडिया लिमिटेड और मेसर्स प्राविधि इंडिया सहित मेसर्स नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी इंडिया लिमिटेड को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि वो 31 मार्च, 2023 से अपने संविदा कर्मियों को हटा ले. इस तारीख के बाद कॉन्ट्रैक्ट पर लगाए गए उनके कर्मचारियों को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा.ख़बर जब कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों तक पहुंची, तो मानो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. हालांकि इसी बीच राहत की खबर यह मिली कि मामले में संज्ञान लेते हुए दिल्ली मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने तुरंत ही कमिश्नर ज्ञानेश भारती सहित एडिशनल कमिश्मर को निर्देश दिया किया इन सभी कर्मचारियों का कार्य विस्तार किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हमेशा ही गरीब और मजदूर हितैषी रहे हैं. इसी के मद्देनजर अब किसी भी कर्मचारी को चिंतित होने की जरुरत नहीं है, उनका कार्य चलता रहेगा.