दिल्ली के MCD स्कूल में हैवानियत, 10 साल की छात्रा से गैंगरेप, चपरासी गिरफ्तार
नई दिल्ली संवाददाता सचिन शर्मा
दिल्ली के गाजीपुर इलाके के एमसीडी स्कूल में पांचवी कक्षा की छात्रा से गैंगरेप मामले में एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।आरोपी की पहचान 54 वर्षीय अजय के रूप में हुई है। वह स्कूल में ही गत 10 वर्षों से चपरासी के तौर पर कार्यरत था। केस में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है।
पुलिस के अनुसार, बुधवार को यह मामला पुलिस के संज्ञान में तब आया जब स्कूल प्रिंसिपल व अन्य टीचर थाने पहुंचे। उन्होंने बताया कि 14 मार्च को 10 वर्षीय छात्रा के साथ गैंगरेप किया गया। आरोपी चपरासी बच्ची को बहला फुसलाकर किसी सुनसान जगह ले गया था। वहां पर अन्य के साथ मिलकर बच्ची का यौन शोषण किया। आरोपी अजय मूलरूप से जौनपुर, यूपी का रहने वाला है। वह वर्तमान में इंदिरा विहार, खोड़ा गाजियाबाद में रह रहा था। गैंगरेप से पहले आरोपी ने बच्ची को कोई नशीला पदार्थ भी खिलाया था। बच्ची का लाल बहादुर शास्त्री हॉस्पिटल में मेडिकल करवाने के बाद काउंसलिग करवाई गई। इस मामले में पुलिस ने चपरासी को गिरफ्तार कर लिया है।
वहीं, इस घटना के बाद पीड़िता के परिजन बेहद सहमे हुए हैं। गाजीपुर थाना पुलिस ने इस मामले में सामूहिक दुष्कर्म, अपहरण, पॉक्सो समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है। इसके साथ ही आरोपी चपरासी को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस आरोपी चपरासी के अन्य साथियों की तलाश कर रही है।
इस संबंध में पुलिस ने बताया कि घटना 14 मार्च की है। इस दिन चपरासी ने मौका पाकर वारदात को अंजाम दिया था। इसके बाद बच्ची ने स्कूल आना बंद कर दिया। इसके बाद शिक्षिका के फोन करने पर बच्ची के परिजनों ने इस मामले की जानकारी दी। इस वारदात के बाद बच्ची के परिजन इतने डर गए थे कि वह इसकी शिकायत करने के लिए पुलिस के पास भी जाने को तैयार नहीं हो रहे थे। इसके बाद कल यानी 22 मार्च को स्कूल के प्रधानाचार्य ने खुद ही गाजीपुर थाना पुलिस को इस मामले में लिखित शिकायत दी।
दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले नौकर को आखिरी सांस तक कैद, 74 साल की बुजुर्ग से की थी दरिंदगी
हरियाणा के रोहतक शहर में चार साल पहले दुष्कर्म के बाद 74 साल की मकान मालकिन की हत्या करने वाले घरेलू नौकर प्रवीण को अदालत ने आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई है।साथ में 25 हजार रुपये जुर्माना भी किया है। हालांकि पीड़ित पक्ष ने दोषी को गंभीर अपराध के चलते फांसी की सजा की मांग की थी। अदालत ने ऐसे लोगों को समाज के लिए खतरनाक माना, लेकिन फांसी की सजा नहीं दी।
पीड़ित पक्ष के वकील गौरव खुराना ने बताया कि 2019 में शहर के एक इलाके में एक 74 साल की बुजुर्ग महिला की गला घोंट कर हत्या कर दी गई थी। साथ ही उसके हाथों से सोने कड़े व कानों से बालियां गायब मिली थीं। जब पोस्टमार्टम कराया गया तो पता चला कि महिला की दुष्कर्म के बाद गला दबाकर हत्या की गई है। पुलिस ने कार्रवाई करते घरेलू नौकर प्रवीण को गिरफ्तार किया था। उसे वारदात से चार दिन पहले ही महिला ने पति की देखभाल के लिए रखा था।
20 मार्च को कोर्ट ने आरोपी घरेलू नौकर प्रवीण को दोषी करार दिया था। उसे 22 मार्च को सजा सुनाई जानी थी, लेकिन बचाव पक्ष का वकील अदालत में मौजूद नहीं था। ऐसे में एक दिन के लिए फैसला टाल दिया था। गुरुवार को अदालत ने आईपीसी की धारा 376ए के तहत आखिरी सांस तक उम्रकैद यानि जिंदा रहने तक जेल में रहेगा। धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व 20 हजार रुपये जुर्माना व मृतक व्यक्ति से लूटपाट करने पर धारा 404 के तहत सात साल की कैद व 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
परिवार का वास्ता देकर की सजा कम की मांग
उधर, अदालत में सजा पर बहस के दौरान पीड़ित पक्ष ने जहां फांसी की मांग की, जबकि बचाव पक्ष ने परिवार का वास्ता देकर सजा कम देने की मांग कीओ। कहा कि दोषी करार दिए गए युवक के छोटे-छोटे बच्चे हैं। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस के बाद दोषी को फांसी की सजा तो नहीं दी, लेकिन आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा दी है।