देश में H3N2 वायरस का बढ़ा कहर, गुरुग्राम में 11 महीने की बच्ची संक्रमित, महाराष्ट्र में 350 से ज्यादा केस, अलर्ट मोड पर सरकारें
नई दिल्ली संवाददाता रीमा शर्मा
कोरोना महामारी के बाद अब H3N2 का खतरा देशभर में बना हुआ है. H3N2 वायरस (H3N2 Virus) के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं. जनवरी महीने से आज की तारीख (19 मार्च) के बीच 451 मामले H3N2 के दर्ज हुए हैं जिसके बाद राज्य सरकारें अलर्ट मोड पर आ गई हैं.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, इस वायरस से 9 लोगों ने अपनी जान भी गवां दी है.
बीते शुक्रवार (17 मार्च) को महाराष्ट्र के पुणे शहर में 73 साल के बुजुर्ग ने इस वायरस के चलते दम तोड़ा है. वहीं, शनिवार (18 मार्च) को गुरुग्राम में दो नए मामले दर्ज हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, शहर में चार साल का बच्चा भी इस वायरस से संक्रमित पाया गया है. वहीं, 55 साल की महिला और 11 महीने की एक बच्ची भी H3N2 की चपेट में है. विभाग ने बताया, महिला के स्वास्थ्य में सुधार के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और वो घर पर आइसोलेट हैं. जबकि नवजात का इलाज रोहतक के एक मेडिकल कॉलेज में चल रहा है.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया…
वहीं, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कोरोना और एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के बढ़ते मामलों को लेकर जनता से भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘सरकारी अस्पतालों में मामले कम हैं. लोक नायक अस्पताल में इन्फ्लूएंजा के 20 और अन्य अस्पतालों में 8-10 मामले पाए गए हैं.
महाराष्ट्र में…
महाराष्ट्र सरकार ने भी राज्य के सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रहने को कहा है. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की उपस्थिति में स्वास्थ्य विभाग की बैठक हुई जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने कहा, “एच3एन2 वायरस राज्य में फैल रहा है लेकिन चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. लोग भीड़-भाड़ वाले इलाकों में न जाएं, मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें. राज्य में एच3एन2 और कोविड के मामले फिर से बढ़ रहे हैं.”
मंत्री ने आंकड़े बताते हुए कहा, महाराष्ट्र में H3N2 इन्फ्लूएंजा के 352 मामले सामने आए हैं जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. सावंत ने मामलों की बढ़ती संख्या के लिए मौसम में बदलाव को जिम्मेदार ठहराया.
उत्तर प्रदेश में सरकार ने…
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस वायरस के चलते बच्चों और बुजुर्गों को सावधानी बरतने को कहा है. एडवायजरी के अनुसार अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि अगर किसी मरीज का ऑक्सीजन स्तर 90 तक गिर जाता है तो संक्रमित मरीजों को भर्ती किया जाए. सरकार ने हेल्पलाइन नंबरों की एक सूची भी जारी की है.
कर्नाटक सरकार ने…
उधर, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने भी राज्य में मामलों को लेकर लोगों को सचेत किया है. उन्होंने कहा, लोग सावधानी पूरी तरह सावधानी बरतें.
DDMA ने भूकंप, मौजूदा एच3एन2 फ्लू के हालात की तैयारियों पर चर्चा की
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की शनिवार को हुई 38वीं बैठक में शहर में किसी भी भूकंप की तैयारी और एच3एन2 फ्लू की मौजूदा स्थिति पर चर्चा हुई।यह बैठक उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना की अध्यक्षता में हुई। डीडीएमए के उपाध्यक्ष, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत के अलावा मुख्य सचिव, विशेष आयुक्त (पुलिस), संभागीय आयुक्त, सचिव (स्वास्थ्य), वीसी, डीडीए, आयुक्त एमसीडी और सेना के शीर्ष प्रतिनिधि, एनडीएमए, एनआईडीएम, बैठक में राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान संस्थान एवं समस्त जिलाधिकारी उपस्थित थे।
इस बात पर जोर देते हुए कि आपदाओं ने खुद को प्रकट करने से पहले पूर्व सूचना नहीं दी, उपराज्यपाल ने संभावित स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की आवश्यकता पर जोर दिया, भले ही यह सावधानी के पक्ष में गलत हो। सक्सेना ने व्यापक तबाही मचाने वाले गुजरात भूकंप के अपने अनुभव को याद करते हुए कहा कि दिल्ली को किसी भी आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है और इस आशय की तैयारी आज (शनिवार) से ही शुरू कर दी जानी चाहिए।
उपराज्यपाल ने सभी स्कूलों, अस्पतालों, पुलिस स्टेशनों, अन्य महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों और विशेष रूप से विशेष क्षेत्र और पुरानी दिल्ली के इलाकों में भूकंप प्रतिरोधी भवन कोड के अनुसार रेट्रोफिटिंग के लिए कहा। उन्होंने भूकंप की स्थिति में बचाव कार्यों के लिए राजधानी भर में खुली जगहों की पहचान करने और आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए हर जिला और सब डिवीजन के स्तर पर अस्पताल भी बनाने को कहा।
सक्सेना ने कहा कि इस पर समयबद्ध तरीके से काम शुरू किया जाए।
मुख्यमंत्री ने आपदाओं के शमन और उसके बाद के प्रभावों के संबंध में समय-समय पर गठित विभिन्न समितियों की सभी रिपोटरें को संकलित और सारणीबद्ध करने की आवश्यकता पर बल दिया और दिल्ली सचिवालय और पुलिस मुख्यालय जैसे सरकारी कार्यालयों को रेट्रोफिटिंग के माध्यम से भूकंप प्रतिरोधी बनाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
केजरीवाल ने इस बात पर जोर दिया कि एक बार जब सभी रिपोर्ट्स को इकट्ठा कर लिया जाएगा और उन पर अब तक की गई कार्रवाई के साथ संकलित कर लिया जाएगा, तो भविष्य की कार्रवाई तय की जा सकती है।
इस बात पर सहमति हुई कि मंडल आयुक्त, जो डीडीएमए के नोडल अधिकारी और संयोजक भी हैं, इस कवायद को शुरू करेंगे और इसे डीडीएमए की अगली बैठक में विचार और आगे के निर्देशों के लिए रखेंगे।