देश की राजधानी दिल्ली में मौसम की आंख मिचौली के बीच रोजाना दिल्ली में 100 फायर कॉल, सेवा के लिए तत्पर अग्निवीर अप्रैल में बढ़ सकता है आंकड़ा

देश की राजधानी दिल्ली में मौसम की आंख मिचौली के बीच रोजाना दिल्ली में 100 फायर कॉल, सेवा के लिए तत्पर अग्निवीर अप्रैल में बढ़ सकता है आंकड़ा

नई दिल्ली संवादाता कृतिका राणा

राजधानी में मौसम की आंख मिचौली के बीच रोजाना फायर कंट्रोल रूम दिल्ली को 100 कॉल आ रही है. ऐसे में अब अनुमान है कि अप्रैल के अंत तक आग की घटनाएं बढ़कर करीब 150 तक पहुंच जाएगी.
राजधानी दिल्ली में मौसम भले ही अभी लोगों के साथ आंख मिचौली खेल रहा हो, लेकिन इन सबके बीच राजधानी में मार्च महीना शुरू होते ही आग लगने की घटनाओं में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होती होती जा रही है. जानकारी के अनुसार दिल्ली में अभी रोजाना आग की 100 छोटी-बड़ी घटनाएं हो रही है. वहीं मार्च से पहले जनवरी-फरवरी में 60 से 70 छोटी-बड़ी घटनाएं हो रही थी. इस दौरान कभी बैंक, कभी गोदाम, कभी फैक्ट्री, में आग लग गई और लाखों करोड़ों का नुकसान हो गया.

अप्रैल में बढ़ जाएगी फायर कॉल: राजधानी में मार्च महीना खत्म होने के बाद अप्रैल में और गर्मी बढ़ेगी. इसके साथ आग की घटनाओं में भी बढ़ोतरी होती चली जाएगी. अनुमान के मुताबिक अप्रैल के अंत तक आग की घटनाएं बढ़कर करीब 150 तक पहुंच जाएगी. दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर अतुल गर्ग ने कहा कि गर्मी के मौसम को लेकर फायर ब्रिगेड पहले से ही तैयारी कर लेती है. इस दौरान दमकल गाड़ियों में जो कुछ कमी रहती है, पहले से मेंटेनेंस करके उसे कंप्लीट कर लिया जाता है.

अभी दिल्ली में 200 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आग बुझाने के लिए हमेशा तैयार है. साथ ही 2400 फायर कर्मियों की टीम अभी मौजूद है. मई महीने में फायर कर्मियों की छुट्टियों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है, क्योंकि उन दिनों आग लगने की घटनाएं डेढ़ सौ से ऊपर पहुंच जाती है. ऐसे में लगातार आपकी कॉल कंट्रोल रूम को मिलती रहती है और तुरंत-तुरंत फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को मौके पर रवाना किया जाता है.

आग लगने के पीछे का मुख्य कारण: गर्मी में ज्यादा आग लगने के पीछे का कारण यह है कि लोग जिस भी इलेक्ट्रिक उपकरण को चलाते हैं, उसके मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं देते हैं. ऐसी जैसे उपकरण का मेंटेनेंस पहले से प्रॉपर करवाना चाहिए. अधिकांश लोग कराते नहीं है और गर्मी आते ही उसे शुरू कर देते हैं. एक तो गर्मी में पहले से ही तापमान ज्यादा रहता है. ऊपर से मेंटेनेंस नही होने के कारण जो फॉल्ट थोड़ा बहुत भी रहता है, वही आग लगने का सबसे बड़ा कारण बन जाता है. जबकि सर्दी में तापमान पहले से ही न्यूनतम रहता है, तो आग लगने की संभावना कम हो जाती है.अतुल गर्ग ने बताया कि जल्द ही 500 से 700 और फायरकर्मी फायर ब्रिगेड के बेड़े में शामिल होने जा रहे हैं. तैयारी इनकी चल रही है, मई में यह शामिल हो जाएंगे, जिससे फायरकर्मियों की संख्या 3000 से ज्यादा हो जाएगी. साथ ही उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इलेक्ट्रिक से चलने वाले उपकरण के मेंटेनेंस पर पूरा ध्यान रखें, जिससे की आग लगने की घटनाओं में कमी आ सके.