मनरेगा में भ्रष्टाचार का बोलबाला, 73 मे से मौके पर मिले मात्र 22 श्रमिक

मनरेगा में भ्रष्टाचार का बोलबाला, 73 मे से मौके पर मिले मात्र 22 श्रमिक

मरुधर विशेष आमिर खान कामां
कामां- कामां पंचायत समिति की ग्राम पंचायतों में विकास अधिकारी सचिव व मेट की मिलीभगत के चलते ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्य में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है आए दिन ग्राम पंचायतो में भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो रहे हैं लेकिन उच्चाधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जिसके चलते भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद है भ्रष्टाचारी मनरेगा योजना में फर्जीवाड़ा कर सरकार को चूना लगा रहे हैं|
मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत मूसेपुर मे चानियाका पोखर खुदाई के नाम से मनरेगा कार्य स्वीकृत है जिस पर 73 श्रमिकों मस्टरोल स्वीकृत है लेकिन शुक्रवार को जब मीडिया कर्मियों द्वारा मौके पर जाकर देखा गया तो वहां तेतर श्रमिकों में से मात्र 22 महिला पुरुष श्रमिक ही कार्य करते मिले जब इस बारे में मैट से पूछताछ की गई तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया मैट के अनुसार बुधवार को पूरे 73 श्रमिकों की ऑनलाईन हाजिरी दर्ज है गुरुवार को मनरेगा कार्य की छुट्टी होती है आज मात्र 22 श्रृमिक ही मौके पर मौजूद हैं| जब इस बारे में विकास अधिकारी वीरेंद्र सिंह बुंदेल को जानकारी दी गई तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है मनरेगा के अभियंता व ग्राम पंचायत सचिव को मौके पर भेजकर जानकारी करवाई जाएगी उल्लेखनीय है कि दो दिन पूर्व भी मीडिया कर्मियों को ग्राम पंचायत नंदेरा में गुडगांव पुल के पास चल रहे मनरेगा कार्य में 80 में से मात्र 38 श्रमिक ही मौके पर मौजूद मिले थे जिसकी जानकारी भी विकास अधिकारी को दी गई थी इस पर भी विकास अधिकारी ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है जिससे विकास अधिकारी की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहा है|
फोटो- ग्राम पंचायत मौके पर मौके पर मौजूद मिले 22 श्रमिक