कोविड-19 शक में बिना जांच न लें एंटीबायोटिक दवाएं, बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार ने जारी किया संशोधित दिशा-निर्देश

कोविड-19 शक में बिना जांच न लें एंटीबायोटिक दवाएं, बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार ने जारी किया संशोधित दिशा-निर्देश

नई दिल्ली संवाददाता रीमा शर्मा

देश में पिछले कुछ हफ्तों से कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीमारी को लेकर संशोधित दिशा-निर्देश जारी किया है।इसमें कहा गया है कि एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग तब तक नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि जांच से कोरोना संक्रमण होने की पुष्टि नहीं हो।

संशोधित दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि दवा लेने से पहले कोरोना संक्रमण के साथ अन्य स्थानिक संक्रमण की संभावना को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। हल्की बीमारी में स्टेराॅयड के इस्तेमाल की सलाह नहीं जाती है। मंत्रालय ने शारीरिक दूरी बनाए रखने, बंद जगहों पर मास्क के इस्तेमाल, समय-समय पर साबुन से हाथ धोते रहने को कहा है। बीमारी के लक्षणों पर नजर रखने, शरीर के तापमान की जांच कराते रहे और ऑक्सीजन में उतार-चढ़ाव पर भी निगरानी रखने की सलाह दी है।

सांस लेने में दिक्कत पर तुरंत डॉक्टर से मिलें
दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि अगर किसी को सांस में लेने में दिक्कत हो रही हो तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर पांच दिन से तेज बुखार और खांसी हो तब भी चिकित्सकीय सहायता लेने की सलाह दी गई है। जोखिम वाले लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने को कहा गया है। मध्यम या गंभीर रोग के बढ़ने का खतरा हो तो रेमडेसिविर दवा पांच दिन तक लेने की सलाह दी गई है। इसमें पहले दिन 200 एमजी की और उसके बाद चार दिन 100 एमजी दवा लेने को कहा है।नेशनल टास्क फोर्स के मुताबिक, संशोधित गाइडलाइंस में लोपिनाविर-रिटोनाविर, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू), इवरमेक्टिन, मोलनुपिराविर, फेविपिराविर, एजिथ्रोमाइसिन और डॉक्सीसाइक्लिन जैसी दवाओं का इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई है। कोविड-19 पर राष्ट्रीय निगरानी समूह ने वयस्क कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग न करने की सलाह दी है।नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) विनोद पॉल की अध्यक्षता वाले नेशनल टास्क फोर्स में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के अधिकारी शामिल हैं। टास्क फोर्स ने वयस्क रोगियों के इलाज के लिए क्लीनिकल गाइडलाइंस प्रोटोकॉल को संशोधित करने के लिए 5 जनवरी को आखिरी बार बैठक की थी।129 दिन बाद कोरोना के मामले एक हजार पार
देश में 129 दिन बाद कोरोना संक्रमण के एक दिन में एक हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। रविवार को कोविड के 1071 नए मामले सामने आए। राजस्थान, महाराष्ट्र और केरल में एक-एक मरीज की मौत हुई है। कुल सक्रिय मामले बढ़कर 5,915 हो गए हैं। अभी संक्रमण दर 0.01 और ठीक होने की दर 98.80 फीसदी है।

केरल समेत कई राज्यों में बढ़ रहे मामले: भारत में पिछले कुछ महीनों से कोरोना के मामले बहुत कम मिल रहे थे। लेकिन पिछले कुछ हफ्तों से अचानक नए मामले बढ़ने लगे हैं।

कोविड के नए स्वरूप एक्सबीबी1.16 के भारत में मिले 76 केस, इन्साकॉग के डाटा में आया सामने

कोविड-19 महामारी फैलाने वाले कोरोना वायरस के नये स्वरूप एक्सबीबी1.16 के भारत में 76 मामले अब तक मिले हैं। इनमें से कर्नाटक में 30 और महाराष्ट्र में 29 मामले मिले, जो सर्वाधिकउत्तर भारत में दिल्ली में 5 और हिमाचल प्रदेश में 1 में यह स्वरूप मिला है।

वायरस पर निगरानी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय, जैव तकनीकी विभाग और सीएसआईआर व आईसीएमआर द्वारा मिलकर बनाए इंडियन सार्स-कोव-2 जीनॉमिक्स कंसॉर्टियम (इन्साकॉग) के डाटा से यह सामने आया है। नये स्वरूप के पुडुचेरी में 7, तेलंगाना में 2 और गुजरात व ओडिशा 1-1 मामले मिले हैं। भारत में यह सबसे पहले जनवरी में 2 सैंपल में मिला था,। वहीं फरवरी में यह 59 और मार्च में अब तक मामलों में मिला है।

126 दिन बाद 800 से अधिक मामले मिले
देश में 126 दिन बाद एक ही दिन में कोविड-19 के 800 से अधिक मामले मिले हैं। कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 5,389 हो चुकी है।

बढ़ते मामलों की वजह : एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया सहित कई विशेषज्ञों ने कोविड-19 महामारी के हाल में बढ़े मामलों की वजह एक्सबीबी1.16 स्वरूप को बताया है। उनके अनुसार इसके साथ एच3एन2 भी इन्फ्लूएंजा के नये मामले बढ़ा रहा है।