*चुनाव के अंतिम दौर में कर रही हैं सभी पार्टियां लोक लुभावने वादे*
नई दिल्ली संवाददाता हरेंद्र कौशल बात करें बीजेपी की तो एमसीडी चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे ही हलचल तेज होती जा रही है एक तरफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने दिल्ली मॉडल को जनता के सामने पेश कर रहे हैं वहीं बीजेपी केजरीवाल के दिल्ली मॉडल का काउंटर करने के लिए नए नए दांव चल रही है इस कड़ी में हरदीप सिंह पुरी जी ने मोर्चा संभाला है उनका कहना है कि अगली जनगणना तक एक अनुमान के अनुसार दिल्ली की जनसंख्या 2 करोड़ से ज्यादा हो जाएगी इतनी बड़ी आबादी में से बीजेपी का प्लान 1.37करोड लोगों को घर देना है ऐसे में झुग्गी क्लस्टर में रहने वाले लोगों को 10 लाख से अधिक मकानों की जरूरत होगी बीजेपी ने झुग्गियों मे रहने वाले लोगों को पक्का मकान देने का जो वादा किया था उस वादे को निभाया भी है कालकाजी एरिया की झुग्गियों में रहने वाले करीब 3 हजार से अधिक लोगों को वही फ्लैट दिए गए अनधिकृत कॉलोनियों में भी रहने वाले करीब 50 लाख लोगों को पी एम उदय योजना के तहत मकान मिलेंगे वहीं कांग्रेस ने नगर निगम चुनावों के लिए अपना मेनिफेस्टो जारी कर दिया है पार्टी ने बड़े-बड़े दावे किए हैं इसके साथ मैं सत्ताधारी दोनों पार्टियों के कामकाज पर सवाल उठाते हुए अपना विजन रखा है और मेरी चमकती दिल्ली के तहत सत्ता में आने के बाद वादे पूरे करने का भरोसा दिया प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के विकास को ध्वस्त करके प्रदूषित और कूड़े वाले पहाड़ों की दिल्ली बना दिया है उनका कहना है कि यदि कांग्रेस पार्टी जीत कर निगम में आती है तो वह बदहाल दिल्ली की तकदीर और तस्वीर दोनों बदल देंगे मेरी चमकती दिल्ली शीला जी वाली दिल्ली बनाएंगे उन्होंने कहा कि वह पिछला हाउस टैक्स माफ करेंगे अगला हाउस टेक्स् आधा करेंगे गांव वे 32 गज के मकानों को हाउस टैक्स के दायरे से बाहर रखेंगे हर घर में मुफ्त आ रो लगाकर प्रत्येक घर को सलाना 10000 की मदद करेंगे वही सीएम केजरीवाल ने अपने 11 वी गारंटी के रूप में आरडब्लूए को मिनी पार्षद और फंड देने की घोषणा से आरडब्लूए में काफी हलचल शुरू हो गई है अधिकतर आरडब्लूए का कहना है की पावर की डिमांड तो पिछले कई वर्ष से की जा रही है लेकिन मौजूदा स्थिति में यदि आरडब्लूए को फंड दिया जाता है तो स्थिति खराब हो सकती है आरडब्लूए में आपस में ही झगड़े शुरू हो सकते हैं फंड से पहले आरडब्लूए के नाम से एक नया एक्ट बने इस एक्ट में पावर फंड वे एक एरिया एक आरडब्ल्यू के नियम का प्रवधान हो क्योंकि शीला दीक्षित सरकार ने भी आरडब्लूए को फंड देने की कोशिश की थी लेकिन तब इसका विरोध हुआ था कई आरडब्लूए कोतो मिनी पार्षद शब्द का ही विरोध किया है उनका कहना है कि आरडब्लूए राजनीतिक संस्था नहीं है उनके मुताबिक आरडब्लूए को फंड टदेना रिस्की है सीएम केजरीवाल कि 11 वी गारंटी का आरडब्लूए पर मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है
वही द्वारका रोहिणी आदि एरिया की ग्रुप हाउसिंग सोसायटीओ में इस घोषणा के बाद चर्चा शुरू हो गई है सीएम ने अपने घोषणा में आरडब्ल्यूए शब्द का इस्तेमाल किया है हाउसिंग सोसायटियों में मैनेजमेंट कमेटी होती है यह कमेटी आरडब्लूए से अधिक सशक्त होती है सोसाइटी की मैनेजमेंट कमेटी की मानिटरिंग के लिए के लिए डिपार्टमेंट ऑफ रजिस्ट्रार- को -ऑपरेटिव सोसाइटी है यह को-ऑपरेटिव -सोसाइटी के अंतर्गत रजिस्टर्ड होती हैं यह मेंबर से पैसा लेकर सोसायटी के अंदर आने वाली कॉमन सुविधाओं को मेंटेन करने की जिम्मेदारी निभाती हैं इनको कहीं से कोई फंड नहीं आता सोसाइटी में रहने वाले लोगों का कहना है की यह एक्ट उन पर भी लागू होगा कि नहीं क्योंकि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सोसाइटी का जिक्र नहीं किया
चुनाव के अंतिम दौर में कर रही हैं सभी पार्टियां लोक लुभावने वादे
