ACB ने की बड़ी कार्रवाई, घूस लेते ASI रंगे हाथ गिरफ्तार, SHO के कहने पर ली थी रिश्वत

ACB ने की बड़ी कार्रवाई, घूस लेते ASI रंगे हाथ गिरफ्तार, SHO के कहने पर ली थी रिश्वत

नई दिल्ली संवाददाता संगीता गौड

जोधपुर. एक तरफ राजस्थान पुलिस अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर अपनी छवि चमकाने में लगी है. वहीं दूसरी ओर रिश्वतखोर पुलिसकर्मी विभाग की छवि को धब्बा लगाकर गड्ढे में धकेलने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.ताजा मामला जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के सदर बाजार थाना क्षेत्र का है, जहां एसीबी ने एक रिश्वतखोर एएसआई को रंगे हाथों साढ़े तीन लाख रुपए रिश्वत लेते दबोच लिया. इस मामले में एक एसएचओ को भी गिरफ्तार किया है.

एसीबी के एसीपी दुर्ग सिंह राजपुरोहित ने बताया कि परिवादी ने एसीबी में शिकायत देते हुए बताया कि एक मामले में दो आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करवाने की मांग को लेकर उसने पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़ को एक परिवाद सौंपा था. जिसके बाद कमिश्नर ने इस परिवाद को सदर बाजार थाना पुलिस को सौंप दिया. जब उसने अधिकारी से बात की तो थाना अधिकारी ने उससे पांच लाख रुपए रिश्वत की मांग की. इसके बाद इस मामले की जांच एएसआई नंदकिशोर को सौंपी गई. परिवादी जब एएसआई नंदकिशोर के पास गया तो उसने भी पांच लाख रुपए रिश्वत की मांग को दोहराया. जिसके बाद परिवादी रिश्वत की मांग की शिकायत के लिए एसीबी के पास पहुंच गया.

एसीबी ने जाल बिछा एएसआई को किया गिरफ्तार

शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने जाल बिछाया और परिवादी को फोन पर रिश्वत राशि में मोलभाव करने की सलाह दी. जिसके बाद जब परिवादी ने एएसआई से मिन्नते की तो उसने 50 हजार रुपए की रियायत देते हुए साढ़े चार लाख रुपए रिश्वत की मांग कर डाली. परिवादी द्वारा और गिड़गिड़ाने पर एएसआई ने साढ़े तीन लाख रुपए लेकर मामले में कार्रवाई करना तय कर दिया. जब परिवादी साढ़े तीन लाख रुपए लेकर एएसआई नंदकिशोर को देने पहुंचा तब एसीबी ने आरोपी एएसआई को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.

वीडियो रिकॉर्डिंग कर जुटाए सबूत

एसीबी के एसीपी दुर्ग सिंह राजपुरोहित ने बताया कि इस मामले में एसएचओ की भूमिका भी सामने आ रही है और एएसआई ने व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए रिश्वत लेने के दौरान थाना अधिकारी से बात की जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी उनके पास है. फिलहाल एसीबी आरोपी एएसआई से पूछताछ कर रही है. रात 11 बजे थानाधिकारी को सोजती गेट पुलिस चौकी लाया गया. जिसके बाद दोनों आरोपियों की आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई. बताया जा रहा है कि परिवादी ने जब एसएचओ से रिश्वत को लेकर बात की तब स्टिंग ऑपरेशन कर पूरी बातचीत का वीडियो बनाया और एसीबी को सौंप दिया. इसके अलावा जब रिश्वत दी गई तब वीडियो कॉल के जरिए बातचीत का वीडियो भी बना लिया गया है. ऐसे में एसएचओ सुरेश पोटलिया के खिलाफ एसीबी के पास सभी सबूत मौजूद है.

*क्लर्क ने किया था 3 करोड़ से ज्यादा का गबन, पत्नी समेत रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर कर दी कोरोना की राहत राशि

इंदौर के कोषालय में पदस्थ रहे क्लर्क मिलाप चौहान के खिलाफ गबन के मामले सामने आ रहे हैं. क्लर्क ने अब तक शासन की तीन करोड़ से ज्यादा की रकम पत्नी समेत रिश्तेदारों के खातों में कोरोना की राहत राशि ट्रांसफर कर दीफिलहाल मिलाप चौहान के अन्य खातों की भी जांच की जा रही है.इंदौर के कोषालय में पदस्थ रहे क्लर्क मिलाप चौहान के खिलाफ गबन के मामले में चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. जांच के दौरान पता चला है कि एक नहीं बल्कि अब तक शासन की तीन करोड़ से ज्यादा की रकम क्लर्क ने बीते 3 साल के दौरान अपनी पत्नी मनीषा समेत रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर की है. इतना ही नहीं अपनी अनैतिक गतिविधियों और अय्याशी में भी मिलाप चौहान शासन की कोरोना राहत राशि के खाते से ऑनलाइन पेमेंट किया गया है.

इंदौर में तैनात था क्लर्क: कलेक्टर इलैया राजा टी के मुताबिक, संबंधित क्लर्क 2015 से इंदौर में पदस्थ है. लिहाजा अब जांच दल द्वारा इसके पूरे कार्यकाल की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि “यह राशि जांच पड़ताल के बाद 3 करोड़ से ज्यादा की हो सकती है. फिलहाल कई पहलुओं पर मिलाप चौहान से पूछताछ की जा रही है. मिलाप चौहान 2015 में इंदौर कलेक्टर कार्यालय में सहायक वर्ग-3 के पद पर पदस्थ हुआ था, लेकिन तब से अब तक की जा रही गड़बड़ी का जिला कोषालय को पता ही नहीं चला.