*5 दिन में खाली करो; मनीष सिसोदिया से क्यों इतनी जल्दी वापस लिया बंगला, आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल पर लगाए गंभीर आरोप*
नई दिल्ली संवाददाता संगीता गौड़
शुक्रवार को दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री सिसोदिया के सरकारी आवास को वर्तमान शिक्षामंत्री आतिशी को आवंटित किए जाने की खबर को लीक होने को लेकर विवाद हो गया। आम आदमी पार्टी (AAP) ने ये आरोप दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर लगााया।आप’ ने ये आरोप लगाया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास गलत प्रचार करने के अलावा कोई काम नहीं है। आप ने एलजी वीके सक्सेना पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वह मीडिया को इस तरह की खबरें लीक करके एक संवैधानिक पद की गरिमा का अपमान कर रहे हैं। ‘आप’ ने कहा कि यह विडंबना है कि एक व्यक्ति, जिसे पूरे देश ने वायरल क्लिप में एक महिला कार्यकर्ता को एक ठग की तरह पीटते हुए देखा, अब वो व्यक्ति विशेषाधिकार प्राप्त जानकारी को लीक कर रहा है।
क्यों दिया आतिशी को सिसोदिया का घर?
आम आदमी पार्टी ने कहा कि जहां तक पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के आवास को वर्तमान शिक्षा मंत्री को आवंटित करने के संबंध में आदेश की बात है, इस विषय में एक कानून है जो कहता है कि एक मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देने पर 15 दिनों के भीतर अपना आधिकारिक या सरकारी आवास खाली करना होगा। ‘आप’ ने कहा कि यह आदेश कानून का पालन करने के लिए जारी किया गया था। आवास खाली होने के बाद आतिशी को आवंटित कर दिया गया।
आम आदमी पार्टी ने अपने बयान में कहा कि पार्टी स्पष्ट रूप से पुष्टि करती है कि न केवल सीएम अरविंद केजरीवाल बल्कि पूरा देश मनीष सिसोदिया के साथ खड़ा है। शिक्षा के क्षेत्र में उनके काम से पूरा देश प्रभावित है। इसके अलावा, दिल्ली शराब नीति मामले में सिसोदिया की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए, ‘आप’ ने इसे गलत बताया और इस मामले में पार्टी ने कहा कि ‘आप’ दिल्ली और देश भर में एक हस्ताक्षर अभियान चला रही है और हमने देखा है कि हर कोई महसूस करता है कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी गलत है।
बता दें कि 9 मार्च को अबकारी नीति और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में गिरफ्तार मंत्रियों सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी। इससे पहले सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को अबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया था और उन्हें 6 मार्च को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने हाल ही में मनीष सिसोदिया को 20 मार्च तक के लिए फिर न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
आतिशी को मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, बिजली और पर्यटन विभाग दिया गया, जबकि सौरभ भारद्वाज को स्वास्थ्य, जल और उद्योग एवं शहरी विकास मंत्रालय सौंपा गया। दोनों ही नए कैबिनेट मंत्रियों को एलजी सक्सेना ने पद की शपथ दिलाई।
वही राघव चड्ढा ने कहा
*ईडी के पास न कोई सवाल है, न ही कोई गवाह. सिसोदिया पर ED की कार्रवाई पर भड़के राघव चड्ढा*
शुक्रवार को केंद्र में मोदी सरकार पर फिर से निशाना साधा है. पार्टी का कहना है कि बीजेपी सरकार आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल से डरी हुई है इसलिए वह पार्टी को खत्म करना चाहते हैं.इस दौरान पार्टी ने मनीष सिसोदिया पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े किए है. आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा है कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ ईडी के पास कोई सबूत नहीं हैं इसके बावजूद उन्हें जेल में बंद रखा गया है. उन्होंने इस दौरान यह भी आरोप लगाया है कि बीजेपी और ईडी का मकसद बस मनीष सिसोदिया को जेल में रखना है. उन्होंने कहा है, ‘ईडी ने मनीष सिसोदिया से पिछले सात दिनों में महज 15 घंटे की पूछताछ की है और सिर्फ तीन गवाहों से सामना करवाया है.
इससे साफ है कि ईडी के पास मनोहर कहानियों के अलावा मनीष सिसोदिया के खिलाफ कोई सबूत नहीं है.’ चड्ढा ने इस दौरान बीजेपी पर भी गंभीर आरोप लगाएराघव चड्ढा ने कहा कि बीजेपी का टारगेट आम आदमी पार्टी को खत्म करना है. इसी वजह से बीजेपी आम आदमी पार्टी के नेताओं को झूठे केस में जेल में डाल रही है.
उन्होंने इस दौरान यह भी दावा किया कि बीजेपी अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी से डरती है इसलिए मनीष सिसोदिया को जेल में डाल रखा है. पत्रकारों से चर्चा के दौरान राघव चड्ढा ने कहा है, ‘बीजेपी कार्यकर्ताओं से उनके बच्चे भी यह सवाल पूछते हैं कि आपकी पार्टी ने मनीष अंकल को जेल में क्यों डाल रखा है.’ राघव चड्ढा ने पीएम मोदी के कार्यकाल के दौरान ईडी की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने इस दौरान इस बात पर जोर दिया है कि 2014 से 2022 तक ईडी ने 3,555 लोगों पर केस दर्ज किए हैं, इतने लोगों पर केस दर्ज होने के बावजूद अभी तक कोर्ट में सिर्फ 23 लोगों को सजा सुनाई गई है.
न कोई गवाह, न सबूत, बस सिसोदिया को जेल में रखने की साजिश
राघव ने आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर ईडी की कार्रवाई पर ध्यान दें तो जांच एजेंसी ने कोर्ट में मनीष सिसोदिया को गवाहों से सामना करवाने के लिए 10 दिनों की रिमांड मांगी थी. कोर्ट ने उन्हें 7 दिनों की रिमांड दे भी दी. बावजूद इसके सिसोदिया से जेल में अब तक सिर्फ 3 गवाहों से आमना-सामना करवाया गया है. और अब तक सिर्फ 15 घंटे ही पूछताछ की गई. चड्ढा ने कहा कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ न कोई सवाल है, न कोई गवाह है, न कोई रिकवरी हुई है फिर भी फर्जी आरोपों में बंद कर रखा है.
5 दिन में खाली करो; मनीष सिसोदिया से क्यों इतनी जल्दी वापस लिया बंगला, आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल पर लगाए गंभीर आरोप*
